सीएनएन न्यूज 18 ने ईशा योग केंद्र में सद्गुरु का इंटरव्यू लिया
24 जून
112-फीट ऊँचे आदियोगी की पृष्ठभूमि में, सीएनएन न्यूज़ 18 के आनंद नरसिम्हन ने ‘मिट्टी बचाओ’ अभियान के बारे में सद्गुरु का इंटरव्यू किया। आनंद ने मोटरसाइकिल पर 28,000 किलोमीटर से अधिक की सवारी करते हुए 27 देशों में लगभग 700 कार्यक्रमों में शामिल होने की सद्गुरु की अविश्वसनीय उपलब्धि को सराहा। बातचीत जल्द ही आंदोलन, राष्ट्रीयता और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मौजूदा सामाजिक विषयों पर चली गई जिन पर सद्गुरु ने कुछ विचारोत्तेजक नज़रिए पेश किए।
एशियानेट न्यूज में सद्गुरु का इंटरव्यू
24 जून
मिट्टी बचाओ यात्रा समाप्त होने के कुछ ही दिनों बाद, सद्गुरु ने मलयालम समाचार पोर्टल एशियानेट न्यूज़ को एक इंटरव्यू भी दिया। उन्होंने दुनिया भर में इस अभियान को मिली अभूतपूर्व प्रतिक्रिया, जिन मुश्किल इलाकों से वह गुज़रे और मिट्टी को विलुप्त होने से रोकने के लिए सरकारें क्या कर सकती हैं, इन चीज़ों को लेकर सवालों के जवाब दिए।
इंडिया ग्लोबल फोरम में सद्गुरु की वार्ता
28 जून
मिट्टी बचाओ अभियान और दुनिया में पर्यावरण संबंधी संवाद पर उसके प्रभाव के बारे में बताते हुए, सद्गुरु ने आने वाली पीढ़ियों के लिए मिट्टी की सेहत को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय मृदा नीति बनाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने मिट्टी के मुद्दे को पर्यावरण की दूसरी समस्याओं से अलग करने की जरूरत भी जताई।
NRIVA के छठे ग्लोबल कन्वेंशन इवेंट में सद्गुरु
4 जुलाई
उत्तरी अमेरिका के अ-निवासी भारतीय विश्व संघ (NRIVA) ने सद्गुरु को अपने छठे वैश्विक सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया। उन्होंने अपने अतीत में न उलझने, वैयक्तिकता के छलावे, बच्चों की परवरिश और हाँ - मिट्टी बचाओ अभियान की चर्चा की!
दुबई के मशहूर बुर्ज खलीफा में मिट्टी बचाओ अभियान
5 जुलाई
दुबई का बुर्ज खलीफा मिट्टी बचाओ अभियान के समर्थन में जगमगा उठा। दुनिया की सबसे ऊंची इमारत में मिट्टी की गुणवत्ता खराब होने के मुद्दे पर दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक स्टेलर लाइट शो भी दिखाया गया। उसे दिखाए जाने से पहले, सद्गुरु ने एक वीडियो संबोधन के जरिए सेव सॉयल स्वयंसेवकों से बात की। उन्होंने हर किसी का आभार व्यक्त किया जिसने सेव सॉयल को दुनिया का सबसे बड़ा जन-अभियान बनाने में अपना सहयोग दिया है।
सद्गुरु के साथ गुरु पूर्णिमा सत्संग
13 जुलाई
दुनिया भर के आध्यात्मिक साधकों को एक विशेष गुरु पूर्णिमा सत्संग के लिए सद्गुरु की मौजूदगी में होने का अवसर मिला, जिसे ईशा इंस्टीट्यूट ऑफ इनर-साइंसेज (iii) से लाइव स्ट्रीम किया गया था। सद्गुरु ने समझाया कि क्यों और कब एक गुरु किसी व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण हो जाता है और गुरु के पास जाने के अलग-अलग तरीके क्या हैं। सोशल मीडिया से आए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने काली के गहन प्रतीक, दुनिया भर के अपने भ्रमण के आध्यात्मिक पहलू और आने वाली इकोलॉजिकल आपदा को ठीक करने के बारे में बात की।
यह सत्संग iii में "इन द लैप ऑफ द मास्टर" का हिस्सा था। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में उत्तरी अमेरिका के 1300 से अधिक उत्सुक साधकों ने भाग लिया था। सद्गुरु की उपस्थिति में, शक्तिशाली ध्यान प्रक्रियाओं से गुजरते हुए, और व्यक्तिगत रूप से उनकी बुद्धि, हास्य और तीक्ष्ण अंतर्दृष्टि का अनुभव करते हुए, रतिभागी मधुरता और भक्ति की गहरी भावना में डूबे रहे।