पांच तत्वों के इस मेल में से
एक है तेजस्वी – जो करता है जीवन को प्रज्वलित।
हर तरह की अग्नि
जो चलाती है जीवन को,
शाखा है एक ही सतत अग्नि की
जिसे कहते हैं - सूर्य।
सद्गुरु