सद्गुरु ने यूनाइटेड नेशंस एनवायरनमेंट प्रोग्राम के पूर्व कार्यकारी निदेशक, एरिक सोलहेम के साथ, जो अब ग्लोबल अलायंस फॉर ए सस्टेनेबल प्लैनेट, द वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई) और अन्य पर्यावरण संगठनों के साथ काम करते हैं, ऑनलाइन चर्चा की। दोनों ने मिट्टी बचाने का संदेश देते हुए मिट्टी से जुड़े अनेक पहलुओं पर बातचीत की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह बहुत ज़रूरी है कि मिट्टी के प्रति लोगों की धारणा बदले और मिट्टी को धूल या रसायनों के ढेर के रूप में न देखकर उसे एक जीवित अस्तित्व के रूप में देखा जाए।
कनाडा के गायक, गीतकार और संगीतकार निर्माता ग्रिम्स ने सद्गुरु से मिट्टी बचाओ अभियान के बारे में बात की। अभियान में भाग लेने को उत्सुक ग्रिम्स ने सद्गुरु से कई सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि मिट्टी के बारे में इन जानकारियों को कैसे फैलाया जाए जो कि इकोलॉजी के बारे में होने वाली अधिकांश बातचीत से गायब होती हैं। सद्गुरु ने बताया कि मिट्टी ही एकमात्र ऐसी जगह है, जहाँ आप मृत तत्व डालते हैं और उसमें से जीवन निकलता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मिट्टी को जिस जैविक तत्व की जरूरत है, वह केवल जीवित चीजों से आ सकता है, किसी कृत्रिम चीज़ से नहीं।
भारतीय अभिनेत्री जूही चावला ने ईशा योग केंद्र में खेतों का काम देखने वाले ईशा स्वयंसेवकों से मुलाकात की। फिर सद्गुरु ने उनसे मिट्टी बचाओ अभियान के बारे में बात की और बताया कि मिट्टी को बचाने और सुधारने के लिए एक व्यापक मृदा नीति बनाना एक अहम पहलू है। एक लोकतांत्रिक देश के नागरिक की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के बारे में बात करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपनी आवाज का इस्तेमाल करना चाहिए और जो चीज़ हमारे लिए महत्वपूर्ण है, उसके लिए वोट करना चाहिए।
मार्च में कैरेबियन की अपनी आगामी यात्रा से पहले, सद्गुरु ने अलग-अलग राष्ट्राध्यक्षों के साथ मिट्टी बचाओ अभियान के बारे में बात की और यह चर्चा की कि उनके देशों के लिए इसके क्या मायने हो सकते हैं । इस वार्तालाप में शामिल होने वाले राजनीतिक नेताओं में बेलीज के प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री, बारबुडा के प्रधानमंत्री, एंटीगुआ के पर्यावरण और कृषि मंत्री और ग्रेनेडा के प्रधान मंत्री शामिल थे।
कैरेबियाई क्रिकेटर ड्वेन ‘डीजे’ ब्रावो और डैरेन ब्रावो के साथ सद्गुरु की बातचीत मिट्टी और खेल से जुड़े विषयों पर हुई। सद्गुरु ने मिट्टी में जीवों के बीच होने वाले पोषक तत्वों के बहुत जटिल और सूक्ष्म आदान-प्रदान के बारे में बताया। मिट्टी की जटिलताओं के ठीक विपरीत, ग्रुप ने क्रिकेट के लिए एक सरल नज़रिए के बारे में बात की – सिर्फ गेंद को मारने पर ध्यान केंद्रित करना। दूसरे लोग स्कोर पर नज़र रख सकते हैं, लेकिन अगर खिलाड़ी को गेंद को अच्छी तरह मारने में खुशी मिलती है, तो उन्हें और किसी चीज़ की परवाह करने की जरूरत नहीं है।
जमैका के मशहूर क्रिकेटर क्रिस गेल ने सद्गुरु के साथ मिट्टी और क्रिकेट में हाल की घटनाओं के बारे में बातचीत की। सद्गुरु ने मिट्टी बचाओ अभियान के बारे में बताया कि कोई एक ऐसी योजना नहीं है जो हर जगह फिट हो जाए, बल्कि ऐसे अनगिनत तरीके हैं जिनसे पर्यावरण और इसकी अनूठी परिस्थितियों के आधार पर मिट्टी को फिर से ठीक किया जा सकता है। उन्होंने इस बारे में बात की कि कैसे ‘कावेरी कॉलिंग’ एक सफल उदाहरण है जिसे उसी तरह की पर्यावरणीय परिस्थितियों वाले क्षेत्रों में एक प्रेरणा की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। ‘कावेरी कॉलिंग’ एक ऐसे मॉडल के रूप में खास तौर पर महत्वपूर्ण है जो किसानों की आर्थिक भलाई को बढ़ावा देता है। आगे बनाई जाने वाली नीतियों को लागू करने में सबसे आगे की पंक्ति में हमारे किसान ही होंगे।
बेलारूस की टेनिस खिलाड़ी विक्टोरिया अजारेंका, सिंगल्स में दुनिया में नंबर वन रही हैं, जिन्होंने पहली बार 30 जनवरी 2012 को शीर्ष रैंकिंग प्राप्त की थी। उन्होंने सद्गुरु के साथ मिट्टी बचाओ अभियान, खेल में सफलता और पेरेंटहुड के बारे में ऑनलाइन बातचीत की। पेरेंटहुड के बारे में बातचीत के दौरान सद्गुरु ने समझाया कि बच्चों को हमारी सोच के आधार पर ढाला नहीं जाना चाहिए, बल्कि देखभाल और प्यार भरे माहौल में उन्हें स्वाभाविक रूप से बढ़ने देना चाहिए। सद्गुरु ने यह बात भी की कि कैसे उम्र बढ़ने के साथ, अनुभव और कुशलता, ताकत से ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं।
अमेरिकी रैपर बिग शॉन को दुनिया भर में काफी पसंद किया जाता है और सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। मिट्टी बचाओ अभियान के कई पहलुओं पर चर्चा करने के लिए उन्होंने सद्गुरु से ऑनलाइन मुलाकात की। बिग शॉन ने इस अभियान की जरूरत के बारे में बात की और यह भी कि कैसे यह कोई भविष्य में घटने वाली घटना नहीं है बल्कि यह एक मौजूदा स्थिति है जो एक आपदा का रूप लेती जा रही है। सद्गुरु ने बताया कि कैसे मिट्टी में मौजूद माइक्रोबैक्टीरिया, हमारी आँतों में मौजूद माइक्रोबायोम से जुड़ा होता है, जो कई चीजों पर असर डालता है जैसे हमारी पाचन क्षमता, हमारा मानसिक संतुलन और भावनात्मक स्थिरता।
लोकप्रिय इंडोनेशियाई अभिनेत्री रालीन शाह और सद्गुरु ने मिट्टी बचाओ अभियान के बारे में ऑनलाइन बातचीत की। सद्गुरु ने भोजन की कमी के खतरे और खाद्य सुरक्षा के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भोजन की कमी कुछ ही दिनों और हफ्तों में उन सभ्यताओं को नष्ट कर सकती है, जिन्हें बनाने में कई सदियों का समय लगा। खाद्य सुरक्षा बनाए रखने का एक तरीका यह सुनिश्चित करना है कि देश आयात पर निर्भर हुए बिना अपने लिए जरूरी भोजन पैदा कर सकें। उन्होंने सीमित पहचान की सीमाओं से परे जीवन का अनुभव करने की क्षमता के बारे में भी बात की।
भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य के साथ एक ऑनलाइन बातचीत में सद्गुरु ने फोटो सिंथेसिस की प्रक्रिया के बारे में बात की, जो पृथ्वी पर जटिल जीवन का आधार है। उन्होंने समझाया कि यह प्रक्रिया आदान-प्रदान की एक श्रृंखला के जरिए दुनिया में समस्त जीवन को बनाए रखती है और हमारे लिए ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि यह कार्बन को मिट्टी में बनाए रखती है, न कि वातावरण में, जहाँ वह पर्यावरण से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है, जिनका सामना हम कर रहे हैं।
उन्होंने नज़रिये में बदलाव लाने की भी बात की, यह साफ करते हुए कि वह एक पर्यावरण-योद्धा नहीं है, बल्कि स्वाभाविक रूप से समस्त जीवन के साथ गहन प्यार से काम करते हैं।
सद्गुरु ने नए ईशा योग केंद्र, बेंगलुरु के शिलान्यास समारोह में भूमि पूजा की। इस उत्साहजनक संभावना के बारे में बात करते हुए सद्गुरु ने बताया कि कैसे एक पहले से स्थापित जगह में जाने की तुलना में एक नए योग केंद्र के निर्माण में शामिल होना एकदम अलग अनुभव होता है। उन्होंने सभी को इस प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।