योग और ज्ञान

रुद्राक्ष : कैसे एक बीज बन जाता है पवित्र और शक्तिशाली?

जिन लोगों ने पिछले साल रुद्राक्ष दीक्षा ली थी, उन्हें सद्‌गुरु से एक ऑनलाइन दीक्षा मिली थी, जिसके बाद सद्‌गुरु ने रुद्राक्ष पहनने के महत्व और उसके रखरखाव के तरीके बताए। महाशिवरात्रि 2022 पर सद्‌गुरु 50 लाख रुद्राक्षों की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे, जिन्हें सभी को नि:शुल्क दिया जाएगा। आइए जानते हैं कि आप कैसे उससे लाभ उठा सकते हैं।

सद्‌गुरु: रुद्राक्ष के पेड़ एक निश्चित ऊँचाई वाले इलाक़ों में ही उगते हैं, खासकर हिमालय के इलाके में। वे दक्षिण भारत में भी उगते हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता वैसी नहीं होती। रुद्राक्ष के पेड़ के बीज में एक बहुत अनोखा स्पंदन होता है, जो उस व्यक्ति की मदद करता है जो अपने शरीर को एक संपूर्ण जीवन की तरह काम करते हुए देखना चाहता है। इसका मतलब है अपनी ऊर्जा को इस तरह से विकसित करना कि आपके पास अपनी ऊर्जा का एक छोटा सा खोल हो। आप जहाँ भी हों, किसी भी स्थिति में हों या किसी के भी साथ हों, आप अपनी ही ऊर्जा के एक खोल में हो सकते हैं जो आपको सुरक्षित, स्वस्थ और सबसे बढ़कर आप जो कुछ भी करना चाहते हैं, उसमें प्रभावशाली बनाता है।

एक बीज जो आपकी ऊर्जा को संगठित करता है

जो इंसान बाहरी हालात से प्रभावित हो सकता है, वह जीवन में ऐसी चीज़ें कर सकता है जिन्हें वह वास्तव में करना नहीं चाहता। अगर आप उन लक्ष्यों की तरफ बढ़ना चाहते हैं जो आपने अपने लिए तय किए हैं, तो अपनी ऊर्जा को इस तरह संगठित करना बहुत जरूरी है कि आपका अपना एक खोल तैयार हो। वरना आस-पास के जीवन का कोई भी पहलू आपको प्रभावित कर सकता है, आपको परेशान कर सकता है, विचलित कर सकता है और आपको रास्ते से भटका सकता है।

जब आप रुद्राक्ष पहनते हैं, तो शरीर, विचार, भावना और ऊर्जा की शुद्धता रखना जरूरी है क्योंकि वह एक ज्यादा चेतन अस्तित्व की ओर आपकी ऊर्जा को व्यवस्थित करता है।

रुद्राक्ष के बीजों में एक स्पंदन होता है, जो आपको अपनी ऊर्जा को संगठित करने में मदद करता है। इसीलिए रुद्राक्ष बहुत व्यक्तिगत चीज़ है। यह ऐसी चीज़ नहीं है, जो आप अपने दोस्तों से बदल सकते हैं। एक बार जब आप रुद्राक्ष पहन लेते हैं, तो यह एक तरह से धीरे-धीरे आपके शरीर का एक हिस्सा बन जाता है। यह आपको अपने जीवन में आने वाले तमाम प्रभावों से खुद को सुरक्षित करने के लिए एक छोटा सी ढाल बनाने में मदद करता है।

कौन सा रुद्राक्ष आपके लिए सबसे अच्छा है?

रुद्राक्ष कई तरह के होते हैं। आम तौर पर एक गृहस्थ रूप में सामाजिक जीवन जीने वाले लोगों के लिए, पाँच मुख वाला यानी पंचमुखी रुद्राक्ष पहनना सबसे अच्छा होता है। दूसरे रुद्राक्ष दूसरी तरह के लोगों के लिए होते हैं। बारह साल से कम उम्र के बच्चे शंमुखी यानी छह मुख वाला रुद्राक्ष पहन सकते हैं। यह शांत रहने और अपना फोकस बढ़ाने में उनकी मदद करता है। सबसे बढ़कर, उन्हें बड़ों से सही तरह का ध्यान मिलता है, जो एक बच्चे के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। एक मुख से चौदह मुख तक वाले रुद्राक्ष होते हैं। 

आम सामाजिक और पारिवारिक जीवन जीने वाले सभी वयस्कों को पाँच मुख वाला रुद्राक्ष पहनना चाहिए। दूसरी तरह के रुद्राक्ष विशेष तौर पर बताए जाने पर ही पहनने चाहिए। कोई भी रुद्राक्ष यूँ ही उठाकर पहन लेना सही नहीं है। वे आपको किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा दिए जाने चाहिए, जो यह जानता हो कि वे आपके सिस्टम के साथ कैसे स्पंदित होंगे। आप पर असर डालने वाली हर चीज़ को सावधानी और जिम्मेदारी से संभाला जाना चाहिए क्योंकि सकारात्मक और नकारात्मक के बीच अंतर एक सिक्के के दो पहलुओं की तरह है – यह इस पर निर्भर करता है कि आप उसे कैसे उछालते हैं। यह जीवन की प्रकृति है।

अपने रुद्राक्ष का रखरखाव कैसे करें

यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अपने रुद्राक्ष का इस्तेमाल कैसे करते हैं। कृपया रुद्राक्ष को फर्श पर, किसी धातु की वस्तु पर या पत्थर पर न रखें। अगर आपको उसे नीचे रखना ही है, तो उसे सूती या सिल्क के कपड़े पर रखें। जब आप कोई रुद्राक्ष प्राप्त करते हैं तो बेहतर है कि उसे धागे में डालकर गले में पहन लें। जब आप रुद्राक्ष पहन लेते हैं तो आप खुद को और दुनिया को यह बता देते हैं कि आप मुक्ति के पथ पर हैं। यह सिर्फ एक प्रतीक नहीं है, यह एक उपकरण है। कोई भी उपकरण उतना काम करता है, जितना हम उसे इस्तेमाल करते हैं। जब आप रुद्राक्ष पहनते हैं, तो शरीर, विचार, भावना और ऊर्जा की एक शुद्धता रखना जरूरी है क्योंकि वह एक ज्यादा चेतन अस्तित्व की ओर आपकी ऊर्जा को व्यवस्थित करता है।

सुख और चेतना का एक आशीर्वाद

चेतना का मतलब यह है कि आप वैसे हों, जैसा आप चाहते हैं। आप वैसा तो नहीं बन सकते, जैसा दूसरे आपको बनाना चाहते हैं, लेकिन आप वैसे तो हों, जैसा आप खुद बनना चाहते हैं। कम से कम इतना हर किसी के जीवन में होना चाहिए। यह मेरी कामना और मेरा आशीर्वाद है कि यह रुद्राक्ष जैसा आप चाहते हैं, उस तरह बनने के इस लक्ष्य में आपकी मदद करे। और सौभाग्य से हर व्यक्ति सुखद होना चाहता है।  

आप एक ज्यादा सुखद इंसान बनने की कोशिश में लगे हैं। अगर शरीर, मन, भावना और ऊर्जा में सुखद अहसास आ जाए, तो अपने आस-पास प्रसन्नता पैदा करना एक स्वाभाविक नतीजा होगा। यह मेरी कामना और मेरा आशीर्वाद है कि आप एक सुखद मनुष्य बनें और आपकी मौजूदगी अपने आस-पास की दुनिया में प्रसन्नता लाए। 

रुद्राक्ष दीक्षा, महाशिवरात्रि की रात को सद्‌गुरु द्वारा शक्तिशाली तरीके से ऊर्जावान बनाए गए रुद्राक्ष प्राप्त करके आदियोगी की कृपा को घर लाने का एक अवसर है। अभी रजिस्टर करें। 
isha.co/rdh