मिट्टी और सेहत

क्या है संबंध मिट्टी और महामारी के बीच?

सद्‌गुरु मरती हुई मिट्टी और घटती इम्युनिटी के बीच का संबंध बता रहे हैं और समझा रहे हैं कि अगर हम अभी मिट्टी को ठीक करने के लिए कदम नहीं उठाएंगे, तो कैसे भावी महामारियां और भी ज्यादा तबाही मचा सकती हैं। 

हमारे भोजन में पोषक तत्वों की चौंकाने वाली गिरावट

सद्‌गुरु: यह महामारी हम पर इतनी भारी क्यों पड़ी, इसकी एक बुनियादी वजह यह रही है कि मिट्टी में पोषक तत्व बहुत कम हैं। अमेरिका में मिट्टी की गुणवत्ता में कमी के कारण सभी फलों, सब्जियों और उगाए जाने वाले दूसरे खाद्य पदार्थों में विटामिन ए की मात्रा में 21% की कमी आई है। विटामिन सी में 30%, आयरन के स्तर में 37% और कैल्शियम के स्तर में 27% की गिरावट पाई गई है। आजकल, लोग सलाद खाना बहुत स्वास्थ्यवर्धक मानते हैं। लेकिन लेट्यूस, टमाटर और बाकी जो भी चीज़ें आप आम तौर पर सलाद में डालते हैं, उनमें 20वीं सदी की शुरुआत की तुलना में पोषण 90% कम रह गया है। आप मोटे तौर पर पानी की थैलियां खा रहे हैं, जिसमें ज्यादा पोषक तत्व नहीं हैं। अगर हमारे अंदर ज्यादा पोषण होता, तो इस वायरस का मुकाबला करने की हमारी क्षमता अलग ही होती क्योंकि तब हमारी इम्युनिटी बेहतर होती। दुनिया में बेवजह साठ लाख से ज्यादा लोग मर चुके हैं।

अगर हमारे अंदर ज्यादा पोषण होता, तो इस वायरस का मुकाबला करने की हमारी क्षमता अलग ही होती क्योंकि तब हमारी इम्युनिटी बेहतर होती।

अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया भर में खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की मात्रा में काफी गिरावट हुई है। यह दुखद है कि लोग यह सोचते हुए खाते हैं कि यह भोजन उन्हें पोषण दे रहा है, लेकिन वह असल में उनका पेट भरने के सिवाय कुछ खास नहीं कर रहा। यही एक वजह है कि हमें महामारियों को लेकर खास तौर पर चिंता करनी पड़ रही है। 

दुनिया के कुछ टॉप वायरोलॉजिस्ट कहते हैं कि मौजूदा स्थिति कोई आखिरी नहीं होगी क्योंकि कोरोना वायरस की प्रकृति ऐसी है कि बुनियादी संरचना में एक छोटे से बदलाव के साथ वे कहीं ज्यादा खतरनाक रूप आसानी से विकसित हो सकते हैं। हर सरकार और हर वैज्ञानिक को इसी बात का डर है, और यह हर नागरिक के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए। इस हालत में मिट्टी की गुणवत्ता की अहम भूमिका है।

मिट्टी की सेहत कैसे हमारी सेहत पर असर डालती है?

यह तथ्य साबित हो चुका है कि अगर आपके भोजन में जरूरी विटामिन और मिनरल नहीं हैं, तो आपका श्वसनतंत्र जल्दी संक्रमण का शिकार बन सकता है। यह अभी एक गंभीर स्थिति है, क्योंकि 90% अमेरिकियों में विटामिन ई की कमी है और 43% में विटामिन ए की कमी है। विटामिन ए की पर्याप्त मात्रा न होने पर, म्यूकस मेंब्रेन अपनी अखंडता खो देता है और इसके कारण किसी भी रेस्पेरेटरी संक्रमण के गंभीर प्रभाव हो सकते हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि आपको उतना पोषण पाने के लिए आज आठ संतरे खाने की जरूरत होती है, जितना पोषण 30 के दशक में एक संतरे से मिलता था।

यह महत्वपूर्ण है क्योंकि कोविड-19 मुख्य रूप से एक रेस्पेरेटरी ट्रैक्ट संक्रमण है, जो बाद में कई तरह की जटिलताएं पैदा कर सकता है। लगभग 39 फीसदी अमेरिकी नागरिकों में विटामिन सी की कमी है, जो एंटीबॉडी उत्पादन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ज्यादा गोलियां खाने से यह ठीक नहीं होने वाला। इसे हमारे भोजन में होना चाहिए। वैज्ञानिकों का कहना है कि आपको उतना पोषण पाने के लिए आज आठ संतरे खाने की जरूरत होती है, जितना पोषण 30 के दशक में एक संतरे से मिलता था।

इन सब चीज़ों को देखते हुए, हमारी मिट्टी की स्थिति हर किसी के लिए खतरे की घंटी है। अगर हम अगले 25 से 40 सालों में उसे ठीक करने के लिए कुछ नहीं करते, तो उसके बाद मिट्टी को ठीक करने में 150 से 200 साल लगेंगे। अगर हम अभी नीतियों में बदलाव ले आएं और अगले 10 से 15 सालों में काम शुरू कर दें, तो 25 साल में हम इस स्थिति को पलट सकते हैं। मुझे लगता है कि यह इस धरती पर अपने और आने वाली पीढ़ियों के प्रति यह हमारी एक मूलभूत जिम्मेदारी है।