जीवन है एक कला
संतुलन बनाने की।
कर पाएंगे आप
कितनी नई संभावनाओं की खोज,
और करेंगे कितना कुछ  
नया अनुभव,
यह होगा तय इससे
कि आप कितने पुलों को
पार करने की इच्छा रखते हैं,
पर सबसे ज़रूरी संतुलन ही है।

सद्‌गुरु