हमारे पूर्वजों ने पत्थरों से निर्मित विशाल भवनें बनाकर,
यहाँ अपनी निशानी छोड़ जाने के लिए बहुत मेहनत की।
वे सारी इमारतें समय के प्रकोप से खंडहरों में बदल गईं।
सभी इंसानी श्रम का यही हश्र होना है।