अमेरिकी अभिनेत्री कैट ग्राहम के द्वारा सद्गुरु का साक्षात्कार
19 जुलाई
अभिनेत्री, गायिका, नृत्यांगना और UNHCR (संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संस्था) की गुडविल ऐम्बैसडर कैट ग्राहम, टेनेसी स्थित ईशा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनर साइंसेज में सद्गुरु से मिलीं और उनसे विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। जैसे निर्वाण का अर्थ, युवा होने का महत्व, नौ आकाशीय पिंडों का इंसान पर प्रभाव और बेशक मिट्टी बचाओ का मुद्दा भी चर्चा में शामिल था।
मिट्टी को फिर से जीवित करने के सूत्र
21 जुलाई
सद्गुरु ने अमेरिकी मिट्टी सूक्ष्मजीव विज्ञानी डॉ इलाइन इंघम और शोधकर्ता – इकोलॉजिस्ट (पारिस्थितिक विज्ञानी) जॉन डी लिऊ के साथ मिट्टी, पर्यावरण तंत्र में सुधार और धरती पर जीवन को प्रभावित करने वाले मिट्टी और भोजन के अंदरूनी संबंधों के बारे में दिलचस्प बातचीत की। डॉ इलाइन का ‘मिट्टी-भोजन जाल’ विषय पर शोध इस बारे में बताता है कि किस तरह किसानों की मदद करके मिट्टी में जीवन को, और किसानों के मुनाफ़े को बढ़ाया जा सकता है।
लीज़ा बर्क के पॉडकास्ट में सद्गुरु
21 जुलाई
लीज़ा बर्क के साथ हुए इस साक्षात्कार में सद्गुरु समझाते हैं कि हमें मिट्टी को पोषित करने के लिए तुरंत कदम उठाना होगा, नहीं तो हमें भी पोषण नहीं मिलेगा। इस बातचीत में मुख्य मुद्दा था – ख़त्म हो रही मिट्टी। साथ ही इस बात पर भी बात हुई कि हम आज जो करेंगे वही तय करेगा कि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ कैसे अपना जीवन बिताएंगी।
सद्गुरु के साथ नाग पंचमी सत्संग
2 अगस्त
नाग पंचमी सत्संग के लिए ईशा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनर साइंसेज में जुटे प्रतिभागियों के उत्साह को बारिश भी कम नहीं कर पाई। ये सत्संग ऑनलाइन भी प्रसारित किया गया जिसमें दुनिया भर से हज़ारों लोगों ने भाग लिया। सद्गुरु ने पवित्र सांप और साँपों के प्रति बेकार के भय को दूर करने के बारे में लंबी बात की। उन्होंने हमारे जीवन में नागों का महत्त्व समझाया और 9 अक्टूबर 2022 को बैंगलुरु में होने वाली नाग प्रतिष्ठा में सभी को आमंत्रित किया।
एरिक सोल्हेम की सद्गुरु से बातचीत
12 अगस्त
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के भूतपूर्व कार्यकारी निदेशक एरिक सोल्हेम ने सद्गुरु के साथ मिट्टी पर एक ऑनलाइन चर्चा में भाग लिया। सद्गुरु ने एक रोचक नज़रिया साझा किया और बताया कि हमें मिट्टी को रसायनों का ढेर समझना बंद करना चाहिए और उसे एक सबसे बड़े जीवित पर्यावरण तंत्र की तरह पहचानना शुरू करना चाहिए, एक ऐसा पर्यावरण तंत्र जो मनुष्य की भलाई के लिए बेहद ज़रूरी है।
एरिक सोल्हेम ने इस बारे में सवाल किया कि कैसे इस ‘मिट्टी बचाओ’ अभियान की प्रेरणा को जारी रखा जा सकता है? सद्गुरु ने बताया कि लंबे समय तक सफल बने रहने के लिए इसे किसानों के लिए एक लाभदायक प्रयास बनना होगा।
ईशा योग केंद्र में सद्गुरु और विशेष अतिथियों के साथ स्वतंत्रता दिवस उत्सव
15 अगस्त
भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगाँठ पर राष्ट्रमंडल की महासचिव बैरोनेस ऑफ़ एस्थलकि, आदरणीया पैट्रीशिया स्कॉटलैंड QC एवं G20 बैठक के लिए भारत के मुख्य समन्वयक आई.एफ.एस. श्री हर्ष वर्धन श्रृंगला ने अदियोगी की उपस्थिति में सद्गुरु के साथ तिरंगा फहराया। इसके बाद प्रोजेक्ट संस्कृति और ईशा होम स्कूल के बच्चों द्वारा अद्भुत सांस्कृतिक नृत्य का प्रदर्शन किया गया।
आदरणीया पैट्रीशिया स्कॉटलैंड QC ने राष्ट्रमंडल देशों में भारत के महत्व के बारे में बात की और ये बताया कि मिट्टी बचाओ अभियान किस तरह राष्ट्रमंडल की पर्यावरणीय दृष्टि से एकदम मेल खाता है।
श्री हर्ष वर्धन श्रृंगला ने उत्साह के साथ ये बताया कि भारत ने पिछले 75 सालों में क्या-क्या हासिल किया है, और अगले 25 सालों की उपलब्धियाँ कैसे भारत को दुनिया भर में शक्तिशाली बना देंगी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत दुनिया भर के सर्वाधिक प्रभावशाली देशों के समूह G20 की अध्यक्षता करने वाला है और भारत में G20 की होने वाली 190 बैठकों में से एक महत्वपूर्ण बैठक ईशा योग केंद्र कोयम्बटूर में की जाएगी।
अंत में सद्गुरु ने अपने संबोधन में भारत के एक समृद्ध देश बनने की राह की बात की और कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो अपने ज्ञान और सांस्कृतिक शक्ति से ताक़त लेकर जगत-कल्याण का अगुआ बनेगा।
इसके एक दिन पहले आदरणीया पैट्रीशिया स्कॉटलैंड ने पोलाची स्थित एक मॉडल कृषि वानिकी फार्म पर गईं और मिट्टी बचाओ अभियान के तहत ज़मीनी स्तर पर हो रहे काम को देखा।
14 अगस्त को सद्गुरु ने भारत के विदेश सचिव एवं G20 बैठक के मुख्य समन्वयक श्री हर्ष श्रृंगला से अलग से बातचीत भी की।