मिट्टी बचाओ अभियान के बारे में कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के समूह के साथ सद्गुरु की चर्चा
15 अक्टूबर
ईशा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनर-साइंसेस, टेनेसी में हुई इस बैठक में सद्गुरु ने मिट्टी के मानव कल्याण से जुड़ाव के बारे में चर्चा की। उन्होंने मिट्टी के नष्ट होने से होने वाली समस्याओं के बारे में बताया, जैसे किसानों का अपने बच्चों को शहरों में भेजना, भारतीय युवाओं में बढ़ती आत्महत्या की दर और खाद्यान्न की कमी। ख़ुशी जाहिर करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे भारत में मिट्टी बचाओ नीतियों का स्वागत हुआ है, जैसे कर्नाटक में पेड़-आधारित कृषि को बड़े पैमाने पर अपनाया जाना। इस शाम के मेज़बान ने इस बात पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए दक्षिण अमेरिका में किसानों की तरक़्क़ी और योजनाओं में मदद के लिए प्रयोगशालाएं खोलने की बात कही।
कमज़ोर दिलवालों के लिए नहीं - सद्गुरु के साथ एक ख़ास सवाल-जवाब
17 अक्टूबर
एक छोटी सी भूमिका देने के बाद सद्गुरु सीधे दर्शकों के सवालों पर चले गए। देवी के मुद्दे पर बात करते हुए पहला सवाल जो पूछा गया वह था, ‘क्या लिंग भैरवी का इस्तेमाल काले जादू के लिए हो सकता है?’ ये समझाने के बाद कि इसकी संभावना नहीं के बराबर है, सद्गुरु ने ध्यानलिंग के बारे में बताते हुए कहा कि दोनों की प्राण-प्रतिष्ठा बहुत ही अलग तरह से हुई है। उन्होंने और कई मुद्दों पर चर्चा की जिसमें शामिल थे - साँप, नाग, बोध क्षमता और स्त्रीगुण के विकास का महत्व आदि।
जी.क्यू. मैगज़ीन द्वारा सद्गुरु का इंटरव्यू
21 अक्टूबर
जी.क्यू. मैगज़ीन के साथ इस बातचीत में सद्गुरु ने वर्तमान की कई समस्याओं पर अपना अनोखा नज़रिया पेश किया। अपने बचपन के कुछ किस्सों से इस चर्चा को दिलचस्प बनाते हुए उन्होंने आधुनिक शिक्षा पद्धति के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि इससे भरोसा करने वाले पैदा होते हैं, न कि समझने वाले या खोजने वाले। सद्गुरु ने दुनिया भर में चर्चित मामले, जैसे अमेरिका का विश्व पर प्रभाव, मिट्टी, महामारी और यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की।
सिनर्जी कांफ्रेंस 2022 में सद्गुरु के साथ प्रश्नोत्तर
27 अक्टूबर
ऑर्लैंडो, फ्लोरिडा की आई.टी.सर्व अलायन्स सिनर्जी एनुअल कांफ्रेंस 2022 में श्रोताओं को सद्गुरु से अपने प्रश्न पूछने का सुअवसर प्राप्त हुआ। संतान और विवाह के मुद्दे से शुरू करते हुए सद्गुरु ने मानव संबंधों की आम समस्याओं पर प्रकाश डाला और इस विषय में मित्रता का महत्व भी समझाया। साक्षात्कार के दूसरे भाग में सद्गुरु ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर हमारी बढ़ती निर्भरता और इससे भविष्य में आने वाली समस्याओं के बारे में बताया। सद्गुरु ने इस सत्र को व्यापार और जीवन पर हमारा दृष्टिकोण कैसा हो, इसके महत्व को समझाते हुए समाप्त किया।
स्टैनफोर्ड प्रोफेसर की सद्गुरु के साथ 'आदर्श ग्राम' पर चर्चा
31 अक्टूबर
डॉ. कंवलजीत सनी आनंद (प्रोफेसर ऑफ़ पेडियाट्रिक्स, अनेस्थिओलोजी, पेरिओपरेटिव एंड पेन मेडिसिन एट स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ़ मेडिसिन) और सद्गुरु ने इस चर्चा में 2 विस्तृत विषयों पर बातचीत की-अर्थशास्त्र और जीवन की समस्याएं। सद्गुरु ने भारत के गांवों में बच्चों की दशा के बारे में स्पष्ट करते हुए कहा कि मिट्टी की दुर्दशा की वजह से भोजन में विटामिन और पोषक तत्त्वों की कमी है और परिणामतः गाँवों में बच्चों का ठीक से विकास नहीं हो पा रहा है। उन्होंने किसानों के बीच समुदाय की भावना को वापस लाने की आवश्यकता पर विस्तार से बात की।
डॉ. सनी ने कम आय की पृष्ठभूमि वाले बच्चों के लिए सुबह के नाश्ते के कार्यक्रम के अपने अनुभव को साझा किया।
एक शाम सद्गुरु के साथ- ईशा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनर साइंस में
5 नवंबर
इस गूढ़ चर्चा में सद्गुरु ने चेतना के प्रकारों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हमें अपनी आत्म-चेतना को खोजने के लिए नए साधनों की जरूरत है क्योंकि हम बाहरी दुनिया में बहुत ज्यादा केंद्रित हो गए है। उन्होंने ये भी बताया कि योग इतने लंबे समय से क्यों जीवंत है, जीवन को सम्पूर्णता से कैसे जिया जाए और टेक्नोलॉजी ने हमें ये क्षमता प्रदान की है जिससे हम पूरी दुनिया को रूपांतरण का साधन भेंट कर सकें।
ऑनलाइन रुद्राक्ष दीक्षा कार्यक्रम
23 नवंबर
ईशा योग सेंटर, कोयंबटूर में सद्गुरु ने आदियोगी की मौजूदगी में रुद्राक्ष दीक्षा का कार्यक्रम संपन्न किया जिसमे दुनिया भर से तमाम लोगों ने भाग लिया। रुद्राक्ष की ठीक से देखभाल और उपयोग जानने के बाद भाग लेने वाले लोग एक ख़ास प्रक्रिया से गुज़रे जिससे उनकी ग्रहणशीलता और बढ़ सके, और उन्होंने कुछ विशेष मन्त्र भी सीखे। सद्गुरु ने रुद्राक्ष के महत्व को समझाते हुए बताया कि ये कैसे उन लोगों के लिए और भी फायदेमंद है जो आसानी से अपने जीवन के रास्ते से भटक जाते हैं, बेचैन हो जाते हैं और पीछे हट जाते हैं।