अधिकांश मेवे व मूर्ख
बांटे जा सकते हैं
दो हिस्सों में
वस्तुतः दो हिस्सों में बंटना
मूर्खता है
दो के बीच तालमेल
है एक दिखावा,
बुद्धिमानी और समभाव का
एक होना है - होना समझदार,
एक होने का अर्थ
नहीं है संतुलन,
बल्कि है
अस्तित्व की एकता
भीतर की एकता
ब्रह्मांड की एकता
स्वयं का अंत
और
स्वयं और दूसरों से परे
सबके साथ एकत्व,
है योग।