पिछले कुछ हफ़्तों की गतिविधियों पर एक नज़र
मिलान में डीजे और निर्माता शब्लो द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में, सद्गुरु ने अनेक दर्शकों से बातचीत की, जिनमें एलेसेंड्रा अमोरोसो, इरामा, रकोमी, रोशेल, वेनेरस, मेस और घाली जैसे इतालवी संगीत कलाकार शामिल थे। सद्गुरु ने जीवन के अर्थ, खुशी, धर्म, विश्वास और आध्यात्मिकता से जुड़े सवालों का जवाब दिया। जीवन में वास्तविक खुशी पाने के बारे में घाली के एक सवाल के जवाब में सद्गुरु ने इस बात पर जोर दिया कि हमारे भीतर के रसायनों की जिम्मेदारी अपने हाथों में लेकर ख़ुशी हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कई लोग अपने दिमाग और बुद्धि की विकास करने की क्षमता को पूरी तरह से समझने में असफल रहे हैं।
धर्म और विश्वास के बारे में सद्गुरु ने सुझाव दिया कि ये अक्सर उन चीज़ों को नाम देने का काम करते हैं जिन्हें हम समझ नहीं सकते हैं। किसी मत या विश्वास के रास्ते पर चलकर हम अपनी बुद्धि, जिज्ञासा और विकास को कुंठित करने का जोखिम उठाते हैं। अज्ञानता हमें सतर्क रहने, सवाल करने और जवाब खोजने के लिए प्रेरित करती है, इसलिए पहले से मौजूद मान्यताओं तक खुद को सीमित रखने के बजाय वास्तविक आध्यात्मिक प्रकृति को अपनाना चाहिए। वह सामान्य विचारधाराओं के विपरीत अपनी वैयक्तिकता को बनाए रखने के महत्व पर भी जोर देते हैं। सद्गुरु ने सत्य का सच्चा खोजी बनने के महत्व, मानव अस्तित्व को बनाए रखने में सभी प्रकार के जीवों का योगदान और आध्यात्मिक यात्रा में भौतिकता की अप्रासंगिकता के बारे में भी बात की।
इसके अलावा, सद्गुरु ने चेतना की सार्वभौमिकता को समझाते हुए यह भी कहा कि ख़ुद से पैदा की गई भावनाओं को अस्तित्व से अलग करके समझना होगा। साथ ही भौगोलिक सीमाओं से परे जाकर मानव-एकता को प्राथमिकता देने की ज़रूरत पर बल दिया।
सद्गुरु को स्पेन के मैड्रिड के सिविटास मेट्रोपोलिटानो स्टेडियम में फेयेनोर्ड रॉटरडैम के खिलाफ एटलेटिको मैड्रिड के चैंपियंस लीग मुकाबले को देखने के लिए आमंत्रित किया गया था। यह रोमांचक मैच घरेलू टीम की 3-2 से जीत के साथ समाप्त हुआ।
खेल के बाद, एटलेटिको मैड्रिड के फॉरवर्ड और 2018 फ्रेंच विश्व कप विजेता एंटोनी ग्रीज़मैन, मैनेजर डिएगो शिमोन के साथ सद्गुरु की मुलाकात हुई। ग्रीज़मैन के पास सद्गुरु के लिए एक मेमेंटो था - एक एटलेटिको शर्ट जिस पर 9 नंबर और ‘सद्गुरु’ छपा हुआ था।
अपने अनुभवों को साझा करते हुए सद्गुरु ने कहा, ‘स्टेडियम शानदार था। भीड़ ज़बरदस्त जोश में थी। एक बढ़िया खेल, 5 गोल देखने को मिले। हम लंबे समय से ग्रीज़मैन को देखते आ रहे हैं। उन्हें यहाँ खेलते देखना और उनसे मिलना वाकई अच्छा लगता है। यहाँ होने का अनुभव बहुत अच्छा रहा है।’
खेल की भावना के बारे में सद्गुरु ने कहा, ‘कोई सिर्फ़ इसलिए किसी खेल को नहीं जीत जाता क्योंकि वह खेल जीतना चाहता है। जीतना तो हर कोई चाहता है, इस बारे में कोई शंका ही नहीं है। जीतते आप तब हैं, जब आप अच्छा खेलते हैं। आपका ध्यान सिर्फ गेंद पर होना चाहिए। गेंद को अच्छे से किक कीजिए, आप जीत जाएँगे।
‘यह भीड़ के लिए तो ठीक है, लेकिन खिलाड़ियों के लिए विरोधी टीम के खिलाफ जीतने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए। नहीं, आपका काम सिर्फ गेंद को दूसरे गोल में डालना है - बस इतना ही। हिसाब कोई और रखेगा।’
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में सर्जरी के फेलो और मानव बुद्धि के नामी शोधकर्ता डॉ. मारियो अलोंसो पुइग, सद्गुरु के साथ ‘वेल्थ ऑफ वेलबीइंग’ विषय पर एक दिलचस्प बातचीत में शामिल हुए। सत्र का संचालन स्पेनिश पत्रिका कैंबियो-16 के प्रधान संपादक जॉर्ज नेरी बोनिला ने किया।
मानव मन की प्रकृति, चेतना और ख़ुशहाली के बारे में बात करते हुए सद्गुरु ने इस बात पर जोर दिया कि विचार हमारे जीवन का एक छोटा सा हिस्सा हैं और आमतौर पर वे ऊर्जा की बर्बादी हैं। हमारे विचार अक्सर सिद्धांतों और मतों से प्रभावित होते हैं। उन्होंने शिक्षा में ऐसे बदलाव की ज़रूरत पर जोर दिया जो एक पूर्ण और सचेतन जीवन जीना सिखाए और एक दूसरे को बराबरी की नज़र से देखना सिखाए।
सद्गुरु ने योग के नज़रिए से मन के 16 पहलुओं पर आगे चर्चा की, जिसमें से केवल एक भौतिक सफलता के लिए आवश्यक है। उन्होंने हमारे व्यक्तिगत विकास के लिए मन के उस पहलू से जुड़ने की आवश्यकता पर बल दिया जिसे चित्त कहा जाता है। एक प्रश्नोत्तर के दौरान उन्होंने इनर इंजीनियरिंग को एक असरदायक साधन के रूप में बताया जिसे प्रमुख शोध संस्थानों के नतीजों ने भी पुष्ट किया है, जो किसी के मन और शरीर के रसायन को बदलने में सक्षम है। मानव-जाति पर पर्यावरण के प्रभाव और अनिश्चित भविष्य पर आशंकाओं के जवाब में उन्होंने आश्वस्त किया कि सकारात्मक परिवर्तन संभव है और ‘जागरूक धरती’ अभियान के शुरुआत की घोषणा की।
विश्व कप विजेता स्पेनिश फुटबॉलर इवाना एंड्रेस के साथ एक भावपूर्ण बातचीत में सद्गुरु ने हाल ही में देखे गए महिला फुटबॉल मैचों की गुणवत्ता के लिए उनकी सराहना की। युवा भारतीय लड़कियों को फुटबॉल खेलने के लिए प्रेरित करने के लिए एंड्रेस को भारत आने का न्योता मिला, एक ऐसा प्रस्ताव जिसके लिए वह तत्पर लगीं। सद्गुरु, एंड्रेस, राधे और अन्य प्रतिभागियों के बीच की बातचीत नृत्य और खेल रणनीतियों के बारे में चर्चा के साथ समाप्त हुई।
‘सद्गुरु सेंटर फॉर ए कॉन्शियस प्लैनेट’ द्वारा आयोजित ‘चेतना - विज्ञान, आध्यात्मिकता और सामाजिक प्रभाव’ सम्मेलन में पहले दिन एक पैनल चर्चा, ‘विज्ञान और आध्यात्मिकता पैनल - चेतना की प्रकृति को उजागर करना’ हुई, जिसमें आधुनिक विज्ञान पर चर्चा हुई। विज्ञान और अध्यात्म पैनलिस्टों में बर्नार्ड कैर, क्रिस्टोफ़ कोच, रूडोल्फ तन्ज़ी, दीपक चोपड़ा, और सद्गुरु शामिल थे। सम्मेलन का उद्देश्य, जो हार्वर्ड विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में हुआ, चेतना की व्यापक खोज करना था।
बेथ इज़राइल डेकोनेस मेडिकल सेंटर (BIDMC) में एनेस्थीसिया, क्रिटिकल केयर और दर्द चिकित्सा विभाग द्वारा 2020 में सद्गुरु सेंटर फॉर ए कॉन्शियस प्लैनेट की स्थापना की गई थी। इसमें चिकित्सा और चिंतनशील विज्ञान इस विषय पर अनुसंधान करते हैं कि मरीज़ों की देखभाल को कैसे बेहतर किया जाये। BIDMC हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से संबद्ध एक सम्मानित शिक्षण अस्पताल है।
शाम को स्टीवन पिंकर, मशहूर मनोवैज्ञानिक और लेखक और सद्गुरु हावर्ड के सैंडर्स थिएटर में बातचीत में शामिल हुए। उन्होंने इस सवाल पर चर्चा की, ‘क्या चेतना एक चमत्कार है?’
सम्मेलन के दूसरे दिन जागरूक नेतृत्व पर एक मज़ेदार पैनल चर्चा की गई। निपुण मेहता, सुसान बाउर-वू, RN, FAAN, हेलेन लैंग्विन, और रंजय गुलाटी, एमबीए वाले प्रतिष्ठित पैनल ने सद्गुरु के साथ बातचीत के माध्यम से अपनी सोच को साझा किया।
बाद की पैनल चर्चा का विषय ‘जागरूक धरती पर विज्ञान और आध्यात्मिकता’ था, जिसमें हेलेन लैंग्विन सहित दिग्गज शामिल थे - एमेरन मेयर, अतेराह नुसरत, डीआईसी और सद्गुरु। साथ में, उन्होंने विज्ञान, आध्यात्मिकता और पर्यावरण चेतना के आपसी संबंधों पर गहराई से विचार किया।
विशेष रूप से, विश्व प्रसिद्ध गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और न्यूरोसाइंटिस्ट, डॉ. एमरन मेयर और सद्गुरु के बीच एक गहन बातचीत ने आंत माइक्रोबायोम और मानसिक स्वास्थ्य के बीच जटिल संबंध पर प्रकाश डाला। डॉ. एमरन मेयर यूसीएलए में डेविड गेफेन स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन, फिजियोलॉजी और मनोचिकित्सा विभागों में एक प्रतिष्ठित शोध प्रोफेसर हैं, तनाव और लचीलेपन की न्यूरोबायोलॉजी के लिए जी ओपेनहाइमर सेंटर के कार्यकारी निदेशक और यूसीएलए ब्रेन गट माइक्रोबायोम केंद्र के संस्थापक निदेशक हैं।
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