जीव-जंतु बन जाते हैं मनुष्य,
जब जीवन की गतिशीलता छूती है ऊँचाई को।
मनुष्य बन सकते हैं कार्टून,
अगर आप जीवन को छोड़ देते हैं निष्क्रिय।