सद्गुरु का योग योग योगेश्वरय मंत्र जाप, इस दुनिया के प्रथम योगी महादेव शिव के अद्वितीय योगदान को समर्पित है। शिव के कई रूप हैं, जिनमें वे सभी गुण समाहित हैं, जिसे हमारा मन अनुभव कर सकता है - और उससे परे के गुण भी शिव का ही एक हिस्सा हैं। इनमें से पांच ऐसे रूप हैं, जिन्हें मौलिक माना जाता है, वे रूप हैं - योगेश्वर, भूतेश्वर, कालेश्वर, सर्वेश्वर और शंभो। और अधिक जानें…
इस मंत्र के अभ्यास से शरीर में उष्णा या गर्मी उत्पन्न होती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए फायदेमंद हो सकती है।
योग योग योगेश्वराय मंत्र यहाँ सुनें :
लिरिक्स
योग योग योगेश्वराय
भूत भूत भुतेश्वराय
काल काल कलेश्वराय
शिव शिव सर्वेश्वराय
शम्भो शम्भो महादेवाय
इस मंत्र का अर्थ:
"हम योगेश्वर को नमन करते हैं, जो भौतिक से परे हैं।
हम भूतेश्वर को नमन करते हैं, जिनको पांच तत्वों पर महारत हासिल है।
हम कालेश्वर को नमन करते हैं, जिनको समय पर महारत हासिल है, और जो काल-चक्र से परे हैं।
हम सर्वेश्वर को नमन करते हैं, जो हर जगह व्याप्त हैं, और सबका आधार हैं।
हम शम्भो को नमन करते हैं, और देवों के देव, महादेव को नमन करते हैं।”