यदि आप वह नहीं करते जो आप नहीं कर सकते, 

तो कोई बात नहीं। 

लेकिन यदि आप वह नहीं करते जो आप कर सकते हैं,

तो आप एक विपत्ति बन जाते हैं। 

अगर आप कुछ सोच सकते हैं, तो उसे कर भी सकते हैं 

ज़रूरत है - आप जो हैं उसमें बढ़ोतरी करने की।