घटना क्रम
सद्‌गुरु के साथ एक सफ़र
पिछले कुछ हफ़्तों की गतिविधियाँ

सद्‌गुरु कैलाश दर्शन के लिए नेपाल में

21 अगस्त – 6 सितंबर

स्वयंसेवकों और तीर्थयात्रियों ने सद्‌गुरु के साथ नेपाल से कैलाश के दर्शन किए। इस दल ने सिमिकोट से लापचा तक ट्रेकिंग की। रास्ते में सांगसा में मानसून की बारिश की वजह से कई चुनौतियाँ और सरप्राइज़ मिले और ताकची में लिमी समुदाय ने पारंपरिक नृत्य से सबका उल्लासमय स्वागत किया। संगठनात्मक कारणों से इस बार तिब्बत/चीन की यात्रा करना संभव नहीं था, लेकिन एक लंबे और मुश्किल ट्रेक के बाद, सद्‌गुरु की अगुआई में यह दल उस जगह पहुँचा, जहाँ से वे कैलाश पर्वत को देख सकते थे और उसकी ऊर्जा को आत्मसात कर सकते थे। 

3 सितंबर को, नेपाली स्वयंसेवकों ने सद्‌गुरु को जन्मदिन का एक विशेष सरप्राइज़ दिया।

आत्महत्या को रोकने के विषय पर केंद्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में सद्‌गुरु की वार्ता

10 सितंबर

केंद्रीय पुलिस अकादमी में सद्‌गुरु ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर चर्चा की। दिलचस्प ऑनलाइन विचार-विमर्श में आत्महत्या के अलग-अलग कारणों, पुलिस और सुरक्षाकर्मियों पर होने वाले दबाव और कैदियों के कल्याण पर चर्चा की गई। सद्‌गुरु ने अपनी परिचित स्पष्टता दिखाते हुए कहा कि ‘आध्यात्मिक प्रक्रिया यह अनुभव करना है कि ‘बेहतर जगह’ आपके भीतर है, कहीं और नहीं।’ 

विपरीत परिस्थितियों से लड़ने के विषय पर कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट में सद्‌गुरु का सत्र

14
सितम्बर

सद्‌गुरु ने ‘विपरीत परिस्थितियों से लड़ने के लिए इनर इंजीनियरिंग’ विषय पर कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट, सिकंदराबाद में एक ऑनलाइन सत्र में हिस्सा लिया। सद्‌गुरु ने सत्र की शुरुआत बहादुर सिपाहियों और उनके परिवारों के लिए श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए की। इस सत्र में मृत्यु, कर्म, विनम्रता, नेतृत्व, विफलता से समझौता करना, सफलता के क्या मायने हैं, और भी कई सारे विषयों पर व्यावहारिक सवालों के जवाब दिए गए। सद्‌गुरु ने कहा कि एक नेता के लिए जरूरी गुण हैं - प्रेरणा, निष्ठा और अंतर्दृष्टि। निष्ठा के बारे में बोलते हुए सद्‌गुरु ने कहा, ‘निष्ठा का अर्थ है कि आपका लक्ष्य व्यक्तिगत से ज्यादा विशाल हो गया है। आपके इरादे सिर्फ़ ख़ुद की खुशहाली से जुड़े नहीं हैं – बल्कि वह व्यापक खुशहाली से जुड़े हैं।’

अर्थशास्त्री थियेरी मेलरेट के साथ इंटरव्यू

22
सितम्बर

थियेरी मेलरेट एक अर्थशास्त्री और ‘मंथली बैरोमीटर’ के सह-संस्थापक हैं। ‘मंथली बैरोमीटर’ निवेशकों के लिए एक आर्थिक विश्लेषक है। थियेरी मेलरेट ने एक आगामी किताब ‘द ग्रेट नैरेटिव’ के लिए ऑनलाइन संवाद में सद्‌गुरु का इंटरव्यू किया। इस किताब में 50 प्रभावशाली वक्ताओं के विचार हैं। यह बातचीत कई विषयों पर थी। थियेरी ने सद्‌गुरु से पूछा कि उनके विचार में दुनिया किस दिशा में जा रही है और योग के साधनों का क्या उपयोग हो सकता है। जवाब में सद्‌गुरु ने सफलता और खुशहाली के विचार को एक नया रूप देने और आबादी को आनंदित बनाने की बात की। उन्होंने इकोलॉजी, हमारी मिट्टी की बदतर होती स्थिति और ग्लोबल वार्मिंग के गंभीर मुद्दों पर ज़ोर दिया और इन समस्याओं के समाधान सुझाए, जैसे कि पेड़ों पर आधारित खेती। इंटरव्यू को समाप्त करते हुए सद्‌गुरु ने साझा किया, ‘अगर हम सब अपने पास मौजूद साधनों से कोशिश करें, तो हम धरती पर हर इंसान को शिक्षित कर सकते हैं। हम उनकी कायापलट कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए यह सबसे अच्छा समय है।’

सद्‌गुरु संबोधि (आत्मज्ञान) दिवस समारोह – इटर्नल इकोज़ बुक लॉन्च कार्यक्रम

23
सितम्बर

सद्‌गुरु की लगभग 30 सालों की कविताओं का एक नया संकलन, ‘इटर्नल इकोज़’, इस सितंबर उनके आत्मज्ञान की वर्षगांठ के अवसर पर रिलीज़ किया गया। इस मौके पर एक लाइव कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसे लेखिका और कवयित्री अरुंधती सुब्रह्मण्यम ने होस्ट किया। साउंड्स ऑफ ईशा के शांतिदायक संगीत के साथ शाम शुरू हुई। किताब के रेखाचित्र बनाने वाली काओरुको यामाज़ाकी ने अपनी जटिल और समृद्ध कलाकृति प्रस्तुत की और अपनी सजग प्रक्रिया तथा हर चित्र के पीछे का प्रतीकवाद साझा किया। सद्‌गुरु ने अपनी कविताओं का वाचन किया, और अरुंधति के मज़ाकिया और बोधपरक सवालों ने उन कविताओं के पीछे की कहानियों और अंदर की अंतर्दृष्टि को बाहर निकाला। साउंड्स ऑफ ईशा ने एक जोशीली प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का समापन किया, जिसने दर्शकों का उत्साह बढ़ा दिया और उनके दिलों को झकझोर दिया।