उस राज्य के राजा एक महान सम्राट थे, और उन्होंने एक बड़े शिव मंदिर का निर्माण करने के लिए बहुत मेहनत की थी। हजारों कारीगरों और बहुत सी सामग्री का उपयोग करके, उन्होंने एक विशाल मंदिर का निर्माण किया और मन्दिर की प्राण-प्रतिष्ठा और उद्घाटन समारोह के लिए एक दिन तय किया। उससे एक दिन पहले जब वे सोने गए, तो उनके सपने में शिव ने दर्शन दिए और कहा, “मुझे खेद है कि मैं आपके मंदिर के उद्घाटन में भाग नहीं ले पाउँगा, क्योंकि कल मुझे पूसलार के मंदिर में जाना है।” राजा पूसलार की तलाश में निकल पड़े। लेकिन उस इलाके में पहुँचने के बाद उन्हें वहाँ कोई मंदिर नज़र नहीं आया। राजा ने पूसलार से पूछा, "आपका मंदिर कहां है?" पूसलार शर्मिंदा दिखने लगे। उन्होंने कहा, "मेरा मंदिर? वो मंदिर पत्थर और ईंट का नहीं है। मैं सिर्फ अपने दिल में इस मंदिर का निर्माण कर रहा हूं।"
आईये सुनते हैं यह दिल को छूने वाले कहानी, सद्गुरु से।