किसी शक्तिशाली ऊर्जा स्रोत की ऊर्जा ग्रहण करने के लिए घड़ी की सुई की दिशा में उसकी परिक्रमा करना, प्रदक्षिणा कहलाता है। प्रदक्षिणा, ग्यारह डिग्री अक्षांश पर विशेष रूप से शक्तिशाली हो सकती है, और ईशा योग केंद्र इसी अक्षांश पर स्थित है। सद्गुरु ने हमें आदियोगी की कृपा के प्रति ग्रहणशील बनाने के लिए आदियोगी प्रदक्षिणा तैयार की है, जिससे हमें अपने परम मुक्ति के प्रयासों में मदद मिल सकती है।
आदियोगी प्रदक्षिणा करने के लिए, कृपया सभी अर्पण (चावल, धूप, हरे मूंग, काले तिल) एक कपड़े के बैग में इकट्ठे कीजिए (अदियोगी की तस्वीर वाले कपड़े के बैग खरीदने के लिए उपलब्ध होंगे)। प्रदक्षिणा शुरू करने से पहले आदियोगी के सामने “योग योग योगेश्वराय” के सम्पूर्ण मन्त्र का तीन बार उच्चारण कीजिये। उच्चारण करने के बाद, योगेश्वर लिंग को पानी अर्पित कीजिए (महाशिवरात्रि के दिन योगेश्वर लिंग को पानी अर्पित करना संभव नहीं होगा)। इसके बाद पुरुष सूर्यकुंड पर जाएंगे, जहां वे सूर्यकुंड से एक पात्र पानी लेकर अपने सिर पर डालेंगे।
फिर त्रिमूर्ति पैनल जाकर त्रिमूर्ति के आगे रखे उरली/धुप मंदिर पर धूप अर्पित कीजिए। लिंग भैरवी मंदिर पर जाइए, और देवी को मूंग अर्पित कीजिए। स्त्रियाँ चंद्र्कुंड पर जाएंगी, जहां वे चंद्र्कुंड से एक पात्र लेकर अपने सिर के ऊपर डालेंगी। ध्यानलिंग पर जाइए और काले तिल अर्पित कीजिए। ध्यानलिंग पर अर्पण करने के बाद, फिर से आदियोगी पर वापस जाइए और चावल अर्पित करके प्रदक्षिणा का समापन कीजिए। यह एक चक्र है।
हर चक्र में, चावल, धूप, हरे मूंग और काले तिल अर्पित करने होंगे। एक साल में एक ख़ास संख्या में प्रदक्षिणाएं की जा सकती हैं। आदियोगी प्रदक्षिणा इस श्रृंखला के अनुसार की जा सकती है – 1, 3, 5, 7, 9, 12, 18, 21, 24, 33, 48, 64, 84, 96, 108, 208, 308, 408, 508, 608, 708, 808, 908 या 1008 बार। कोई व्यक्ति एक साल में जितनी भी प्रदक्षिणाएं करने का संकल्प लेता है, उसे एक साल की अवधि में उतनी प्रदक्षिणाएं ज़रूर करनी चाहिएं।
प्रदक्षिणा करते हुए, “योग योग योगेश्वराय” का उच्चारण कीजिए। :
योग योग योगेश्वराय मंत्र:
योग योग योगेश्वराय
भूत भूत भूतेश्वराय
काल काल कालेश्वराय
शिव शिव सर्वेश्वराय
शंभो शंभो महादेवाय
प्रदक्षिणा हर दिन सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक की जा सकती है। महाशिवरात्रि पर, आप इसे सुबह 6 बजे से अगले दिन सुबह 2 बजे तक कर सकते हैं।
आप एक दिन में जितनी प्रदक्षिणाएं करना चाहते हैं, उनके लिए अपने साथ पर्याप्त मात्रा में अर्पण तैयार रखिए।.
प्रदक्षिणा करने के लिए पुरुषों को अपनी शर्ट उतारनी होगी।
प्रदक्षिणा करने के लिए जूते/चप्पल भी उतारने होंगे।
प्रदक्षिणा करते समय बातचीत/संवाद करने से बचें।
हर अर्पण को कितनी मात्रा में भेंट किया जाना चाहिए(चावल/हरे मूंग/काले तिल)?
आप हर अर्पण की जितनी चाहें उतनी मात्रा भेंट कर सकते हैं।
क्या हम अर्पण की सामग्री घर से ला सकते हैं?
हाँ।.
क्या हम प्रदक्षिणा करते समय जूते/चप्पल पहन सकते हैं?
नहीं।.
क्या ईशा योग केंद्र में भेंट/अर्पण खरीदने की सुविधा उपलब्ध होगी?
हाँ।.
क्या हमें सूर्यकुंड या चंद्र्कुंड में जाने के लिए पैसे देने होंगे?
नहीं।.
क्या हमें योगेश्वर लिंग पर पानी अर्पित करने के लिए पैसे देने होंगे?
नहीं। .
क्या लिंग भैरवी मंदिर के बंद होने के समय के दौरान, यानि दोपहर 1:20 से 4:20 के बीच भेंट अर्पित करना संभव होगा?
हाँ, आप लिंग भैरवी मंदिर के बाहर मौजूद लिंग भैरवी गुडी को भेंट अर्पित कर सकते हैं।
जब ध्यानलिंग पंच- भूत आराधना के लिए बंद हो, क्या हम तब भी ध्यानलिंग को भेंट अर्पित कर सकते हैं?
हाँ, आप सर्व- धर्म स्तम्भ के पास रखी ध्यानलिंग की तस्वीर को भेंट अर्पित कर सकते हैं।
मैं कितने चक्र कर सकता हूँ?
आप साल के किसी भी दिन, जितने चाहे उतने चक्र कर सकते हैं। लेकिन चक्र इस श्रृंखला में किए जाने चाहिएं – 1, 3, 5, 7, 9, 12, 18, 21, 24, 33, 48, 64, 84, 96, 108, वगैरह।
धूप कैसे अर्पित करें?
आप त्रिमूर्ति पैनल के सामने रखी उरली/धूप मंदिर में धूप अर्पित कर सकते हैं।
क्या मुझे हर चक्र में भेंट अर्पित करनी होगी?
हाँ।