सद्गुरु को टीमलैब फिनोमिना अबू धाबी के उद्घाटन पर आमंत्रित किया गया, जो एक इमर्सिव डिजिटल आर्ट प्रदर्शनी है जहां इंटरैक्टिव इंस्टालेशन आगंतुकों की उपस्थिति और गतिविधियों के अनुसार रेस्पोंड करते हैं और बदलते हैं।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में, जिसमें अभिनेत्री केट ब्लैंचेट और एंड्रयू गारफील्ड भी शामिल हुए, अबू धाबी के एक वैश्विक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में उभरने पर प्रकाश डाला गया।
कलाकार साशा जाफरी और सद्गुरु दुबई में एक अनूठे कार्यक्रम के लिए एक साथ आए जहां कला और ज्ञान एक साथ मिले। जैसे ही सद्गुरु ने दर्शकों को संबोधित किया, जाफरी के ब्रश ने ‘एनर्जी रियलाइज्ड’ को जीवंत किया - सद्गुरु और ‘मिट्टी बचाओ’ अभियान से प्रेरित एक जीवंत पेंटिंग। शाम को समृद्ध धरती के लिए रचनात्मक अभिव्यक्ति और सचेतन कार्यवाही की रूपांतरणकारी शक्ति का उत्सव मनाया गया।
इस प्रेरणादायक समारोह के पलों का आनंद लेने के लिए लिए, स्लाइडशो ‘वैराग्य: बियॉन्ड कलर - आर्टिस्ट साशा जाफरी होस्ट्स सद्गुरु इन दुबई’ यहां देखें [o01]।
8 अप्रैल 2025
ध्यानलिंग और चंद्रकुंड के बीच इस आत्मीय सभा में, उन्होंने प्रेम की गहरी प्रकृति की बात की, यह जोर देते हुए कि सच्चा प्रेम, प्रेम करने के लिए किसी को खोजने के बारे में नहीं है, बल्कि प्रेम बनने के बारे में है - एक ऐसी स्थिति जहां आपकी आंखें हर चीज को प्रेम में देखती हैं, हर जीवन रूप से लेकर निर्जीव तक में और यहां तक कि खाली आकाश में भी।
दर्शन के दौरान, सद्गुरु ने कई सवालों का जवाब देने के लिए भी समय निकाला, जिनमें किशोरों के बीच हिंसा के बारे में चिंताएं और हनुमान चालीसा का पाठ करने के आध्यात्मिक महत्व से लेकर, विभिन्न ध्यान अभ्यासों के महत्व, और यहां तक कि एक ईमानदार सवाल कि वे भविष्य में अपना अधिकांश समय और ऊर्जा कहां लगाने की योजना बना रहे हैं, जैसे सवाल शामिल थे।
6 अप्रैल 2025
बेंगलुरु के सद्गुरु सन्निधि में, सद्गुरु ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की लीडरशिप टीम को एक आकर्षक सत्र में संबोधित किया जिसमें मानव अनुभव के मूल की बात की गई। बीपीसीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जी. कृष्णकुमार के नेतृत्व में, इस सभा में निगम के वरिष्ठ नेतृत्व और लगभग 200 अधिकारी शामिल थे।
प्रतिभागियों को बाहरी उपलब्धियों से आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, सद्गुरु ने सफलता और पूर्णता के आधार के रूप में आंतरिक ख़ुशहाली को विकसित करने पर ध्यान खींचा। व्यावहारिक अंतर्दृष्टि और ध्यान अभ्यासों के लिए सिफारिशों के माध्यम से, उन्होंने सचेतन जीवन और अपनी आंतरिक स्थिति के प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया, जो व्यक्तिगत और पेशेवर उत्कृष्टता दोनों के लिए आवश्यक तत्व हैं।
5 अप्रैल 2025
बेंगलुरु में ‘सोक इन एक्स्टसी ऑफ एनलाइटनमेंट’ प्रोग्राम के लिए 60 देशों से 14,000 से अधिक प्रतिभागियों के एकत्रित होने पर उत्साह स्पष्ट रूप से महसूस किया जा सकता था। यह कार्यक्रम – जो भारत और उत्तरी अमेरिका में एक श्रृंखला का हिस्सा है – साधकों को सद्गुरु की उपस्थिति में अनुभव के गहरे स्तरों की खोज करने का अवसर प्रदान करता है।
सद्गुरु ने प्रतिभागियों को सामान्य हाँ-ना के द्वंद्व से परे जाने के लिए आमंत्रित किया और अपने आंतरिक अनुभव के लिए पूरे दिल से ‘हाँ’ कहने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि बाहरी लेन-देन में विवेक की आवश्यकता होती है, लेकिन हर व्यक्ति अपने भीतर प्रेम और आनंद का अनुभव कर सकता है।
उन्होंने सचेतन बेफ़िक्री के बारे में बात की - पूरी जागरूकता के साथ रोक-टोक को छोड़ना - जिससे शरीर की हर कोशिका आनंद में डूब सकती है। सद्गुरु ने आधुनिक जीवन के दबावों के बीच अच्छी तरह से रहने के तरीके के रूप में ‘आनंद में डूबे रहने’ के महत्व पर भी प्रकाश डाला, और प्रतिभागियों को दूसरों को प्रेरित करने के लिए अपने खुशी के पलों को साझा करने के लिए आमंत्रित किया।
इस कार्यक्रम ने ‘जागरूक धरती’ अभियान के दृष्टिकोण को प्रतिध्वनित किया - कि व्यक्तिगत रूपांतरण स्वाभाविक रूप से बाहर की ओर फैलता है। जैसा कि सद्गुरु ने साझा किया, "अगर आप खुश हैं, अगर आप अपने भीतर आनंदित हैं, तो आप देखेंगे कि यह चारों ओर फैल जाएगा... यहां तक कि पौधे भी रेस्पोंड करेंगे, जानवर भी रेस्पोंड करेंगे।’
जैसे-जैसे दिन समाप्त हुआ, वातावरण खुशी और उल्लास से भर गया था। प्रतिभागी सिर्फ यादों के साथ नहीं, बल्कि इस संभावना के साथ लौटे कि खुद को बदलना दुनिया को बदलने की दिशा में पहला कदम है।
सैन फ्रांसिस्को: 2 नवंबर 2025
फिलाडेल्फिया: 15 नवंबर 2025
मुंबई: 14 दिसंबर 2025
हैदराबाद: 4 जनवरी 2026
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