सद्‌गुरुसद्‌गुरु हमें साइनस की समस्या को दूर करने के कुछ अत्यंत सरल तरीके बता रहे हैं। साथ ही वे बता रहे हैं कि एंटी हिस्टामिन लेना कैसे नुकसानदायक हो सकता है, और कौन से यौगिक अभ्यास हमारी मदद कर सकते हैं।

प्रश्न : सद्‌गुरु, मेरे साइनस व छाती में अक्सर ‘कंजेशन’ की समस्या हो जाती है। साइनस की यह समस्या किसी की खुशहाली को कैसे प्रभावित करती है और क्या इसको ठीक करने का कोई तरीका है?

साइनस से कई चीज़ें तय होती हैं

सद्‌गुरु : साइनस एक बहुत ही जटिल ‘प्लंबिंग जॉब’ है। कहां पर वह जाम हो रहा है और कहां से वह बह रहा है, ये सब कई चीजों पर निर्भर करता है।

Subscribe

Get weekly updates on the latest blogs via newsletters right in your mailbox.
 आपका साइनस का रास्ता कितना साफ  है और आपके शरीर व खासकर सिर के इलाके में तरल पदार्थ कितने संतुलित अवस्था में हैं, इससे कई चीजें तय होती हैं। 
आमतौर पर लोगों को साइनस के जाम होने की तकलीफ  तब ज्यादा होती है, जब वे लेटते हैं, लेकिन फिर भी यह कई और तरीके से भी हो सकती है। आपका साइनस का रास्ता कितना साफ  है और आपके शरीर व खासकर सिर के इलाके में तरल पदार्थ कितने संतुलित अवस्था में हैं, इससे कई चीजें तय होती हैं। जैसे, आपके मस्तिष्क के काम करने का तरीका, आपकी खुशहाली, आपके भीतर संतुलन, आपकी बुद्धि और पांचों ज्ञानेंद्रियों का पैनापन।

साइनस की समस्या में कपालभाती और जलनेति मदद कर सकते हैं

आपके साइनस को संतुलित रखना और उनके भीतर होने वाले तरल के बहाव को निर्बाध रखना बहुत जरूरी है। अब सवाल है कि हम इस स्थिति तक कैसे पहुंच सकते हैं? अगर आप काफी समय से ‘कपालभाति’ कर रहे हैं तो यह आपके भीतर इस संतुलन को स्थापित कर देती है। अगर आप इस दिशा में कुछ शुरुआती चीज चाहते हैं तो आप बलगम को कम करने के लिए ‘जलनेति’ कर सकते हैं। लेकिन यह अभ्यास पूरी कुशलता व सही तरीके से सिखाया जाना चाहिए। हमारे हठयोग टीचर्स जरूरत पडऩे पर आपको इसे सिखा सकते हैं।

हर तरल पदार्थ को सुखा देना ठीक नहीं है

चूंकि अधिक बलगम जाम की स्थिति पैदा करती है तो इसका एक उपाय तो यह है कि बलगम के स्तर को कम रखा जाए।  

अगर आप ‘एंटी हिस्टेमाइन’ दवा लेंगे तो यह आपके सिस्टम से बिना कोई भेदभाव किए हर तरह के तरल को सुखा देगी। लेकिन शरीर में इन तरल पदार्थों की जरूरत भी होती है। 
दूसरा, इसका पता लगाना चाहिए कि साइनस में कुछ जगह बार-बार जाम क्यों हो रही हैं? इस समस्या में ली गई आधुनिक दवाइयां केमिकल से तरल को सुखा देती हैं। अगर आप ‘एंटी हिस्टेमाइन’ दवा लेंगे तो यह आपके सिस्टम से बिना कोई भेदभाव किए हर तरह के तरल को सुखा देगी। लेकिन शरीर में इन तरल पदार्थों की जरूरत भी होती है। मानव शरीर और उसके पांचों इंद्रियों का कामकाज इस पर निर्भर होता है कि शरीर में तरल पदार्थों की गतिविधि कैसी है। तरल के एक सीमा के बाद ज्यादा होने से अगर आपको एलर्जी नहीं है, तो उसे सुखाना कहीं से भी आपके लिए ठीक नहीं कहा जा सकता।

साइनस एलर्जी से भी हो सकता है

साइनस का जाम होना एलर्जी के चलते भी हो सकता है। अगर आपके घर में धूल या किसी तरह की कोई एलर्जी वाली चीज है, तो भी आपका साइनस जाम हो सकता है। इसलिए सबसे पहले अपने घर को धूल रहित बनाइए और दूसरा तरीका है कि आप अपने भीतर इस एलर्जी से लडऩे के लिए जरूरी प्रतिरोधक पैदा कीजिए। शरीर को प्रतिरोधी बनाने का एक तरीका है कि भोजन के बाद एक चम्मच दही और एक चम्मच शहद एक साथ लीजिए और उसके डेढ़ से दो घंटे तक पानी मत पीजिए। यह आपके शरीर में ‘ईसिनोफिल लेवेल’ को घटाएगा और आपके एलर्जिक चीजों के प्रति आपकी संवदेनशीलता आश्चर्यजनक ढंग से कम हो जाएगी। लेकिन ऐसा तभी होगा कि जब दही एक खास गाय के दूध से तैयार किया जाए।

डेयरी पदार्थों के सेवन से हो सकता है साइनस

यह काम बड़े पैमाने पर तैयार होने वाले दही से नहीं हो सकता, जैसे डेयरी में हजारों गायों का दूध एक साथ मिलाकर तैयार की गई दही काम नहीं आएगी।

 दरअसल, जो ‘एनिमल प्रोडक्ट्स’ कई जानवरों से इकठ्ठा की गई चीजों को मिलाकर तैयार किए जा रहे हैं, उसके सेवन से फायदे कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। 
दुनिया भर में आज लोग जो दूध पी रहे हैं, वे ‘फैक्ट्री फार्म्स’ में तैयार हो रहा है, लेकिन उस स्थिति में दूध के सेवन के जो फायदे हैं, वे कहीं खो रहे हैं। दरअसल, जो ‘एनिमल प्रोडक्ट्स’ कई जानवरों से इकठ्ठा की गई चीजों को मिलाकर तैयार किए जा रहे हैं, उसके सेवन से फायदे कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। अगर आप पशुओं से प्राप्त किसी चीज का सेवन कर रहे हैं तो बेहतर होगा कि वह पदार्थ एक ही पशु से लिया जाए। अगर आप बड़े पैमाने पर तैयार डेयरी पदार्थों का सेवन बंद कर दें, तो एक से दो हफ्तों में आपके बलगम की समस्या दूर हो सकती है।

शहद और सूर्य नमस्कार हैं फायदेमंद

बलगम को दूर करने के लिए एक आसान सा काम तो आप तुरंत कर सकते हैं। सुबह उठने के बाद आप थोड़े से गर्म पानी में शहद मिलाकर लें। इसके लिए आप डेयरी पदार्थों को छोडक़र गर्म पानी के साथ शहद लें और एक खास अवधि तक कपालभाति (अगर आप शक्तिचालन क्रिया में दीक्षित हो चुके हैं तो), सूर्य नमस्कार या सूर्य क्रिया करें। अगर आपने अपने इन अभ्यासों के जरिए अपने सिस्टम में पर्याप्त मात्रा में उष्ण व समतप्राण पैदा कर लिया है तो आपकी अधिक बलगम वाली समस्या खत्म हो जाएगी। लेकिन दवाओं के जरिए बलगम को सुखाना कहीं से भी ठीक नहीं है।