सद्गुरु गुरुपूर्णिमा का महत्व समजाते हुए कहते है के इस दिन आदियोगी, पहले योगी , एक गुरु बने , और सभी सीमाओं से परे खुद को विकसित करने के लिए योग- विज्ञान की तकनीको को पहेली बार सप्तऋषि को प्रदान किया | सद्गुरु कहते हैं, "यदि कोई इसके लिए प्रयास करने को तैयार है, तो जीवन और मृत्यु की सीमाओं को पार किया जा सकता है।" और यह भी बताते है की साल की हर पूर्णिमा का अनन्य महत्व होता है और कैसे पूर्णिमा और अमावस्या आध्यात्मिक साधकों के लिए महत्वपूर्ण हैं। सद्गुरु एक ऐसी योग प्रणाली या सिस्टम की बात कर रहे हैं जिसे विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है, ताकि हम सूर्य और चन्द्रमा के चक्रों का उपयोग कर सकें और प्रकृति की मदद ले सकें।