सद्‌गुरु “ॐ नम: शिवाय” वह मूल मंत्र है जो हमारे शरीर का शुद्धीकरण करता है और साथ ही आपमें ध्यान की अवस्था लाने में मदद करता है। यह वह मूल मंत्र है, जिसे कई सभ्यताओं में महामंत्र माना गया है।  

ईशा ब्रह्मचारियों द्वारा गाया गया ॐ नमः शिवाय मन्त्र, वैराग्य एल्बम के एक हिस्से के रूप में उपलब्ध है और इसे निःशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। ये ईशा चैंट्स एप्प के एक हिस्से के रूप में भी उपलब्ध है।

जाने इस मंत्र का महात्म्‍य - 

ॐ नमः शिवाय का उच्चारण करने का सही तरीका

सद्‌गुरु : ॐ ध्वनि का उच्चारण ओम के रूप में नहीं करना चाहिए। इसे उच्चारित करने का तरीका है, अपना मुंह खोलकर आSS बोलना, और जब आप धीरे-धीरे अपना मुंह बंद करते हैं, तो ये ऊ और म बन जाता है। ये स्वाभविक रूप से होता है। ये आप खुद नहीं करते। अगर आप बस अपना मुंह खोलकर सांस बाहर छोड़ें, तो ये आSS बन जाएगा। जैसे-जैसे आप मुंह बंद करेंगे, ये धीरे-धीरे उउऊ बनेगा और मुंह बंद होने पर म्म्म बन जाएगा। आSSउउऊम्म्म को अस्तित्व के बुनियादी ध्वनियों के रूप में जाना जाता है। अगर आप ये तीनों ध्वनियाँ एक साथ बोलें, तो आपको क्या मिलेगा? इसलिए हम कहते हैं कि आऊम सबसे बुनियादी मन्त्र है। तो इस मन्त्र को “ओम नमः शिवाय” के रूप में उच्चारित नहीं करना है, इसे “आऊम नमः शिवाय” के रूप में उच्चारित करना है।

पूरी जागरूकता के साथ किसी मंत्र को बार-बार दुहराना दुनिया के अधिकतर आध्यात्मिक मार्गों की शुरुआती साधना रही है। अधिकतर लोग मंत्र का इस्तेमाल किए बिना अपने भीतर ऊर्जा के सही स्तर तक ऊपर उठने में असमर्थ होते हैं। मैंने पाया है कि नब्बे फीसदी लोगों को खुद को सक्रिय करने के लिए हमेशा मंत्र की जरूरत पड़ती है। उसके बिना, वे अपनी ऊर्जा कायम नहीं रख पाते।

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“ॐ नम: शिवाय” वह मूल मंत्र है, जिसे कई सभ्यताओं में महामंत्र माना गया है। इस मंत्र का अभ्यास विभिन्न आयामों में किया जा सकता है। इन्हें पंचाक्षर कहा गया है, इसमें पांच मंत्र हैं। ये पंचाक्षर प्रकृति में मौजूद पांच तत्वों के प्रतीक हैं और शरीर के पांच मुख्य केंद्रों के भी प्रतीक हैं। इन पंचाक्षरों से इन पांच केंद्रों को जाग्रत किया जा सकता है। ये पूरे तंत्र (सिस्टम) के शुद्धीकरण के लिए बहुत शक्तिशाली माध्यम हैं।

अधिकतर लोग मंत्र का इस्तेमाल किए बिना अपने भीतर ऊर्जा के सही स्तर तक ऊपर उठने में असमर्थ होते हैं। मैंने पाया है कि नब्बे फीसदी लोगों को प्रेरित होने के लिए हमेशा मंत्र की जरूरत पड़ती है।

हम इस मंत्र को बहुत से अलग-अलग आयामों में देख सकते हैं। फिलहाल, हम इस मंत्र को एक शुद्धीकरण की प्रक्रिया के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं। साथ ही हम ध्यान की अवस्था को पाने के लिए इसे एक नींव, एक आधार के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं। ‘ॐ नम: शिवाय’ कोई बुरा शब्द नहीं है। आप इसका उच्चारण कर सकते हैं। सवाल बस यह है कि “क्या आप इसके लिए तैयार हैं”? यह किसी भी व्यक्ति के बारे में नहीं है। आप किसी का आह्वान नहीं कर रहे हैं। आप खुद को विलीन करना चाहते हैं, क्योंकि शिव विनाशकर्ता हैं। अगर आप एक विनाशकर्ता का आह्वान करके यह उम्मीद कर रहे हैं कि वह आपको बचाएगा, तो यह तो भूल है।

अगर आपके अंदर एक खास तरह की तैयारी नहीं है तो बेहतर होगा कि आप इस मंत्रोच्‍चारण को खूब ध्‍यान से सुनें, आप खुद मंत्रोच्‍चारण न करें।

संपादक की टिप्पणी: जानें शिव के अन्य आयामों के बारे में, पढ़ें यह ब्लॉग

संपादक की टिप्पणी:

आज महाशिवरात्रि की रात होने वाले आयोजनों का सीधा प्रसारण आप यहां देख सकते हैं।