सद्गुरु द्वारा भेंट की गई महाशिवरात्रि साधना, महाशिवरात्रि की संभावनाओं के प्रति अधिक ग्रहणशील बनने में आपकी मदद करेगी।
ऊंचे स्तरों की ऊर्जा अनुभव करने के लिए
गहन साधना दिनचर्या के साथ अनुशासन का विकास करें
महाशिवरात्रि की तैयारी करें, जो अपार संभावनाओं वाली रात है
आदियोगी की कृपा के प्रति अपनी ग्रहणशीलता बढ़ाएँ
भावनात्मक और मानसिक संतुलन स्थापित करें
आंतरिक खोज के लिए एक मजबूत शारीरिक और मानसिक आधार बनाएं
आपको एक काला कपड़ा पहनना होगा,
पुरुष इसे दाहिनी ऊपरी बांह पर बांध सकते हैं।
महिलाएं इसे बायीं ऊपरी बांह पर बांध सकती हैं।
12 इंच लंबाई और 1 इंच चौड़ाई वाले किसी किसी भी कपड़े का उपयोग किया जा सकता है।
दिन में दो बार हर्बल स्नानं पाउडर का उपयोग करके नहाएं। हर्बल स्नानं पाउडर ईशा लाइफ पर उपलब्ध है।
एक बार सुबह और एक बार शाम में तेल का दिया जलाएं। अगर दिया उपलब्ध न हो, तो आप मोमबत्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं।
योग योग योगिश्वराय मंत्र का सुबह और शाम, दिया जलाने के बाद, बारह बार उच्चारण करें। सबसे अच्छा ये होगा कि आप ये साधना 40 मिनट के संध्या काल के दौरान करें।
संध्या काल - दिन के दौरान होने वाले आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण समय, जैसे सूर्योदय और सूर्यास्त के 20 मिनट पहले से लेकर 20 मिनट बाद तक का समय।
खाली पेट की अवस्था में शिव नमस्कार के 12 चक्र करें। सर्वेभ्यो मंत्र का तीन बार उच्चारण करें। इसे दिन में एक बार, सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद करना है।
8-10 काली मिर्च के दानों और 2-3 बेल पत्र या नीम के पत्तों को रातभर शहद में भिगो कर रखें। इसी तरह, मुट्ठी भर मूंगफलियों को रातभर पानी में भिगो कर रखें। शिव नमस्कार और मंत्रोच्चारण के बाद, पत्तों को चबायें, काली मिर्च को नींबू के रस में मिला कर खा लें, और मूंगफलियों को भी खा लें।
अगर नीम या बेल पत्र के पत्ते उपलब्ध नहीं हैं, तो कृपया नीम के पाउडर की छोटी सी बॉल बनाकर खा लें। नीम पाउडर, ईशा लाइफ पर उपलब्ध है। इन चीज़ों का सेवन करने से पहले, यह पक्का करें कि आप अपनी नियमित साधना, जैसे शाम्भवी महामुद्रा क्रिया, पूरी कर चुके हैं।
इन बिन्दुओं पर विभूति लगाएं:
आज्ञा - भौंहों के बीच में
विशुद्धि – गले के गड्ढे में
अनाहत – पसलियों के जुड़ने की जगह के ठीक नीचे
मणिपूरक – नाभि के ठीक नीचे
दिन में दो ही बार भोजन करें। पहला भोजन दोपहर 12 बजे के बाद करें।
अगर आपको 12 बजे से पहले भूख लगे, तो आप कालीमिर्च-शहद-नींबू के रस और पानी का मिश्रण दोबारा पी सकते हैं।
साधना का समापन हर किसी के लिए महाशिवरात्रि पर होगा। महाशिवरात्रि पर ईशा योग केंद्र में साधना का समापन करना सबसे अच्छा होगा।
पूरी रात जागरण में रहना (जगे रहना) जरुरी है।
योग योग योगेश्वराय मंत्र का 112 बार उच्चारण करें।
तीन जरूरतमंद लोगों को पैसे या भोजन भेंट करें।
एक बेल पत्र/ नीम पत्र/ या फिर 3 या 5 पत्तियों वाला पत्ता ध्यानलिंग को अर्पित करें।
अपनी बांह से काला कपड़ा उतार दें, और इसे ध्यानलिंग के सामने नंदी के पास बाँध दें। ध्यानलिंग के सामने इस कपड़े को बांधना कर्म की छापों को विलीन करने की संभावना भेंट करता है। यह संभावना आपके ईशा योग केंद्र से चले जाने के बाद भी सक्रिय रहती है।
साधना का समापन हर किसी के लिए महाशिवरात्रि पर होगा। महाशिवरात्रि पर ईशा योग केंद्र में साधना का समापन करना सबसे अच्छा होगा।
पूरी रात जागरण में रहना (जगे रहना) जरुरी है।
योग योग योगेश्वराय मंत्र का 112 बार उच्चारण करें।
तीन जरूरतमंद लोगों को पैसे या भोजन भेंट करें।
एक बेल पत्र/ नीम पत्र/ या फिर 3 या 5 पत्तियों वाला पत्ता ध्यानलिंग को अर्पित करें।
अपनी बांह से काला कपड़ा उतार दें, और इसे ध्यानलिंग के सामने नंदी के पास बाँध दें। ध्यानलिंग के सामने इस कपड़े को बांधना कर्म की छापों को विलीन करने की संभावना भेंट करता है। यह संभावना आपके ईशा योग केंद्र से चले जाने के बाद भी सक्रिय रहती है।
8-10 काली मिर्च के दानों और 2-3 बेल पत्र या नीम के पत्तों को रातभर शहद में भिगो कर रखें। इसी तरह, मुट्ठी भर मूंगफलियों को रातभर पानी में भिगो कर रखें। शिव नमस्कार और मंत्रोच्चारण के बाद, नाश्ते के रूप में, पत्तों को चबायें, काली मिर्च को नींबू के रस में मिला कर खा लें, और मूंगफलियों को भी खा लें।
अगर नीम या बेल पत्र के पत्ते उपलब्ध नहीं हैं, तो कृपया नीम के पाउडर की छोटी सी बॉल बनाकर खा लें। नीम पाउडर, ईशा लाइफ पर उपलब्ध है।
दिन में दो ही बार भोजन करें। पहला भोजन दोपहर 12 बजे के बाद करें।
इन चीज़ों का सेवन करने से पहले, यह पक्का करें कि आप अपनी नियमित साधना, जैसे शाम्भवी महामुद्रा क्रिया, पूरी कर चुके हैं।
कृपया ध्यान दें
सिगरेट, शराब और मांसाहारी भोजन के सेवन से परहेज करें।
सिर्फ सफ़ेद या हल्के रंग के कपड़े पहनें।
गर्भवती स्त्रियों को सलाह है कि वे शिव नमस्कार न करें।
स्त्रियां अपने मासिक चक्र के दौरान शिव नमस्कार कर सकतीं हैं।
वे लोग जिन्हें हर्निया की शिकायत है, कुशन या कुर्सी का इस्तेमाल करके शिव नमस्कार के दूसरे रूपों का अभ्यास कर सकते हैं।
This sadhana kit includes...
साधना के दिशानिर्देश
योग योग योगेश्वराय मंत्र - लिखित मंत्र
सर्वेभ्यो मंत्र - लिखित मंत्र