भूत सिद्धि - शरीर को शून्य में विलीन करना
हम पिछले ब्लोग्स में पढ़ चुके हैं पांच भूतों के शुद्धिकरण के बारे में, जहां हमने जाना कि तत्वों का शुद्धिकरण किस तरह से हमारे लिए लाभदायक हो सकता है, आज जानते हैं उस स्थिति के बारे में जहां आप पांच भूतों पर सिद्धि पा सकते हैं...

हम पिछले ब्लोग्स में पढ़ चुके हैं पांच भूतों के शुद्धिकरण के बारे में, जहां हमने जाना कि तत्वों का शुद्धिकरण किस तरह से हमारे लिए लाभदायक हो सकता है, आज जानते हैं उस स्थिति के बारे में जहां आप पांच भूतों पर सिद्धि पा सकते हैं...
अगर किसी को पांच तत्वों पर सिद्धि प्राप्त हो, तो शरीर का त्याग करके उसे शून्य में विलीन किया जा सकता है। फिर शरीर का कोई अस्तित्व नहीं रह जाता। बहुत से योगियों ने ऐसा किया है।
तमिलनाडु में वल्लालर रामालिंगा आदिगालार नाम के एक योगी थे। एक दिन, वे एक कमरे में गए और फिर कभी बाहर नहीं आए। लोग उनके बाहर निकलने का इंतजार करते रहे। आखिर वे लोग दरवाजा तोड़ कर अंदर गए।
हाल ही में, किसी को अपने घर में लिंग भैरवी यंत्र के चारों ओर थोड़ा पानी मिला। उसे ऐसे स्थान पर रखा गया था, जहां किसी तरह के पानी की कोई गुंजाइश नहीं थी, लेकिन उन्हें यंत्र के ऊपर और उसके चारो ओर काफी पानी मिला। इसका मतलब यह था कि किसी प्राणी ने, जो उस परिवार का नहीं था, अपनी भौतिकता को पूरी तरह समाप्त करके गायब हो जाने के लिए इस ऊर्जा का इस्तेमाल किया। वहां बस पानी बच गया। बहुत से योगियों ने तत्वों को इस तरह से संघटित करके दिखाया है। वे शरीर को इस तरह त्यागते हैं कि शरीर नहीं बचता, हड्डियां नहीं बचतीं, सिर्फ थोड़ा सा पानी बचता है। यही चरम है तत्वों के संघटन का, जहां सारे तत्वों को उस बिंदु तक संघटित किया जाता है कि वहां कुछ नहीं बचता, सब शून्य में विलीन हो जाता है।
Subscribe