क्या कठिनाइयां हमें समझदार बनाती हैं?
अकसर हम यह सोचते हैं कि जिसने जीवन में अधिक कठिनाइयों का सामना किया है, वह जल्दी समझदार बन जाता है। कितनी सही है यह सोच - आइए जाने सद्गुरु की सहायता से ...
अकसर हम यह सोचते हैं कि जिसने जीवन में अधिक कठिनाइयों का सामना किया है, वह जल्दी समझदार बन जाता है। कितनी सही है यह सोच - आइए जाने सद्गुरु की सहायता से ...
प्रश्न: क्या जीवन की कठिन परिस्थिति से मनुष्य समझदार बनता है?
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सद्गुरु: जीवन में कठिन कुछ नहीं होता है। जीवन में सिर्फ परिस्थितियां होती हैं। जीवन सिर्फ परिस्थिति है, फिर चाहे आप उसका अनुभव एक कठिनाई के रूप में करें या आनंद के रूप में, यह चुनने का अधिकार आपका अपना है। अगर आप समझदार हैं तो आप हर परिस्थिति को एक आनंदमय प्रक्रिया में बदल देंगे। अगर आप समझदार नहीं हैं, तो आप अपने लिए हर परिस्थिति को कठिनाई बना लेंगे।
अगर आप चुप रहकर, अपनी आंखें बंद कर के लंबे समय तक बैठना जानते हैं, तो आप जल्दी ही समझदार हो जाएंगे। अगर आप जानते हैं कि अपने दिमाग में चल रही बेतुकी बातों को कैसे महत्व ना दें, अगर आप अपने दिमाग में चल रहे मनोवैज्ञानिक बकवास में उलझे नहीं, तो आप निश्चित रूप से जल्दी समझदार बन जाएंगे। केवल जीवन की ओर देखना और अपने तरीके से उसका मतलब निकाले बिना, उसे जानना, निश्चित रूप से आपको जल्दी समझदार बनाने में सहायता करेगा। आप तभी किसी को बहुत समझदार कह सकते है, जब कोई अपना जीवन सहजता और बिना किसी उलझन के जीता है। बस आपको इतना करना है कि- आप जीवन का मतलब निकालना छोड़ दें, और जीवन का अनुभव करना शुरू करें।