कृष्ण - तेरे लिए
इस बार के स्पॉट में सद्गुरु हमसे साझा करते हैं अपनी एक कविता जो उन्हों ने कृष्ण पर लिखी है... हे श्याम-वर्णी ग्वाले
ArticleMar 21, 2014
हे श्याम-वर्णी ग्वाले युद्ध और प्रेम दोनों में तुम तो रहे सदा विनोदपूर्ण, विलासपूर्ण
कहते हो तुम कि नहीं पड़ता कोई फर्क चाहे तुम करो किसी से प्रेम या वध तुम तो रहे सदा विनोदपूर्ण, विलासपूर्ण
मत रखो खुद को किसी धोखे में और देखने से चूक जाओ उनके विवेक और तेज की विशालता उनके प्रेम और युद्ध का प्रपंच।
हे श्याम-वर्णी, ना तुम से पहले ना तुम्हारे बाद हुआ कोई ऐसा जो प्रेम में और युद्ध में भी बना रहे सदा विनोदपूर्ण और विलासपूर्ण।
आगे जारी ...
Love & Grace
Subscribe
Get weekly updates on the latest blogs via newsletters right in your mailbox.