प्रोजेक्ट ग्रीन हैंड्स
प्रोजेक्ट ग्रीनहैंड्स (पीजीएच) ईशा फाउंडेशन द्वारा स्थापित पर्यावरण संबंधी बुनियादी पहल है, जिसका उद्देश्य हरित पट्टी बढ़ाने, मिट्टी की गुणवत्ता बेहतर करने और प्राकृतिक संसाधनों के उचित प्रयोग द्वारा सुधार के उपाय अपनाना है।
एक सार्थक पहल
1 करोड़ सत्तर लाख पौधे रोपे गए (जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत पौधे पनपे) 20 लाख स्वयंसेवक 852,587 पौधे तीन दिन में रोपे गए, गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल भारत का सर्वोच्च पर्यावरणीय पुरस्कार: इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार प्राप्त
प्रोजेक्ट ग्रीन हैंड्स (पीजीएच), ईशा फाउंडेशन, की पर्यावरण संबंधी पहल है, जो धरती को हरा-भरा बनाने, मिट्टी की क्षमता में सुधार लाने तथा प्राकृतिक संसाधनों के उचित प्रबंधन पर बल देती है। पीजीएच 20 लाख स्वयंसेवकों की मदद से 1 करोड़ सत्तर लाख से अधिक पौधे लगाने में सफल रही। वर्ष 2006 में, ढाई लाख से अधिक स्वयंसेवकों द्वारा, तीन दिन के भीतर 852,587 पौधे रोपे गए जिस इवेंट को गिनीज वल्र्ड रिकॉर्ड. में स्थान दिया गया। भारत सरकार ने इस संस्था के सकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव को मान्यता प्रदान करते हुए, भारत के सर्वोच्च पर्यावरणीय पुरस्कार: इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार से नवाज़ा।
पीजीएच को पूरे तमिलनाडू में, ग्रामीण व देहाती इलाकों को हरा-भरा बनाने के अभियान के तौर पर चलाया गया है। इसने पिछले वर्षों के दौरान, पर्यावरण सम्बन्धी पहलों के लिए सरकार, कार्पोरट जगत, स्कूलों, कॉलेजों व विविध एनजीओ के साथ भागीदारी की है। पीजीएच चाहता है कि तमिलनाडू राज्य पर्यावरणीय उत्तरदायित्व के क्षेत्र में प्रकाश स्तंभ की तरह सामने आए। पीजीएच यह दिखाना चाहता है कि जब लोग भविष्य को अपने हाथ में लेते हुए, पर्यावरण को बचाने के लिए कुछ कदम उठाते हैं, तो कितना कुछ संभव हो सकता है।