उच्च रक्तचाप और मधुमेह आजकल बहुत आम हो गया है। अकसर इन रोगों को नियंत्रित रखने के लिए लोग दवाईयां लेते हैं। क्या इन रोगों को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है?  सद्‌गुरु आज बता रहे हैं कि यह रोग असल में आपके मूल सिस्टम की खराबी है, और प्राणायाम के द्वारा ऊर्जा शरीर को ठीक करके हम अपने मन और शरीर को भी ठीक कर सकते हैं।

उच्च रक्त चाप और मधुमेह के रोगी भरपूर मात्रा में अंकुरित अनाज और हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। कुछ मात्रा में फलों का सेवन भी कर सकते हैं। ये चीजें निश्चित तौर पर आपके शरीर को शांत और दुरुस्त करेंगी।

अगर दस लोगों को मधुमेह है तो उन सभी में शरीर के अंदर होने वाली गड़बड़ी का स्तर और प्रकार दोनों अलग-अलग होंगे। यही वजह है कि मधुमेह से पीड़ित हर शख्स को व्यक्तिगत तौर पर देखे जाने की जरूरत है।
अगर आपका ऊर्जा शरीर पूर्ण रूप से जीवंत है और उसका संतुलन सही है, तो शरीर में कोई रोग होगा ही नहीं। मधुमेह को योग में एक गड़बड़ी के तौर पर देखा जाता है। इस रोग को हल्के में नहीं लिया जा सकता। दरअसल, जब हमारे शरीर की मूल संरचना में ही कुछ गड़बड़ होना शुरु हो जाता है तो मधुमेह होता है। यह हर शख्स में अलग होता है। अगर दस लोगों को मधुमेह है तो उन सभी में शरीर के अंदर होने वाली गड़बड़ी का स्तर और प्रकार दोनों अलग-अलग होंगे। यही वजह है कि मधुमेह से पीड़ित हर शख्स को व्यक्तिगत तौर पर देखे जाने की जरूरत है।

योग का काम आमतौर पर प्राणमय कोष के स्तर पर होता है। आप प्राणमय कोष से शुरुआत करते हैं। प्राणायाम के माध्यम से आप जो भी करते हैं, वह प्राणमय कोष का व्यायाम ही है। यह व्यायाम इस तरीके से किया जाता है कि प्राणमय कोष पूरी तरह दुरुस्त हो जाए। अगर आपका प्राणमय कोष सही तरीके से संतुलित है और ठीक काम कर रहा है तो आपके शरीर में कोई रोग नहीं होगा। अगर आपके ऊर्जा शरीर में संतुलन है, तो दिमाग और शरीर दोनों में रोगों का होना नामुमकिन है। अलग-अलग रोगों से पीड़ित लोग यहां आते हैं। दिल का रोग है तो इलाज वही है। अस्थमा है तो भी इलाज वही है। मधुमेह है तो भी वही इलाज है। वैसे पहले ये जान लीजिए कि यह इलाज है ही नहीं। हम तो बस स्वास्थ्य को ठीक करने की चेष्टा कर रहे हैं। हम आपके रोग ठीक करने को लेकर चिंतित नहीं हैं। हम तो बस आपके शारीरिक तंत्र को बेहतर बना रहे हैं। हमारे यहां एक संपूर्ण योगिक अस्पताल है, जहां हम लोगों का इलाज बिना किसी दवा के करते हैं। बस उन्हें योगिक क्रियाएं कराते हैं। अगर कोई दमा से पीड़ित शख्स आता है तो उसे हम कुछ खास तरह की योगिक क्रियाएं करने को कहते हैं। इन क्रियाओं को करने से दमा ठीक हो जाता है। कोई शख्स मधुमेह से परेशान होकर आता है तो उसे भी हम उन्हीं योग-क्रियाओं को करने की सलाह देते हैं। इनसे उसका मधुमेह भी ठीक हो जाता है।

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