दिसंबर 2022

प्रेम

प्रेम – नहीं होता केवल मधुर शब्दों

या कोमल स्पर्श और रसीले भावों के लिए।
प्रेम एक आधार है

जिस पर टिकी है निष्ठा, साहस 

और बलिदान।


सिवाय उनके जिनके ह्रदय 

प्रेम में डूबे होते हैं

कौन रख सकता है 

दूसरों के कल्याण को अपने से ऊपर, 

कौन हो पाया है खड़ा भय और संकट के सामने,

केवल वही जो लुटा चुके हैं सबकुछ 

प्रेम में। 


कौन हुआ है तत्पर, प्रेमियों से बढ़कर 

देने को आहुति 

प्रेम की वेदी पर 

अपनी प्रिय से प्रिय वस्तु का, 

और स्वयं का भी। 


समस्त मानवीय गुणों में 

प्रेम ही है 

सबसे कोमल और उदार।

- सद्‌गुरु

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