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Wisdom
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आप चाहे पसंद करें या न करें, जीवन आपसे हर तरह के सर्कस, बाजीगरी और कलाबाजी कराएगा। अगर आप तैयार हैं, तो आप इसे खुशी-खुशी कर सकते हैं।
शांति और खुशी की जड़ें न तो जंगल में हैं और न ही बाजार में, बल्कि हमारे अंदर हैं।
अपने बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए आपका सुपर स्मार्ट होना जरूरी नहीं है। आपको बस आनंदमय, प्रेममय, और ईमानदार होना है।
आपको दूसरों से बेहतर होने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन आपको अपना सर्वश्रेष्ठ करना होगा।
जमीन पर दृढ़ता से खड़े रहना और फिर भी आकाश की और बढ़ना और उसे छूना, यही आध्यात्मिक प्रक्रिया का सार है।
चाहे वह आसान हो या मुश्किल - आप जहाँ जाना चाहते हैं, उससे कभी अपना ध्यान न हटाएँ।
नियंत्रित करने का मतलब है किसी चीज को कुछ खास सीमाओं में सीमित करना। अपने मन को नियंत्रित मत करें - उसे आजाद कर दें।
जब आप दूसरे से यह उम्मीद करना छोड़ देते हैं कि उसे क्या करना चाहिए, तभी आपके संबंध सफल होते हैं।
कभी किसी के बारे में कोई राय न बनाएं। वे इस पल में कैसे हैं, बस यही मायने रखता है।
कर्म न तो अच्छा होता है और न ही बुरा। ये वो गोंद है जो आपको इस शरीर से चिपकाए रखता है। जिस पल आप अपने सारे कर्म धो डालते हैं, आप चले जाएंगे।
सच्ची करुणा कुछ देने या लेने के बारे में नहीं है। यह वह करने के बारे में है जिसकी जरूरत है।
जीवन के साथ शामिल न होने से ही आती है बोरियत। क्योंकि आप अपने ही विचारों और भावनाओं में खोए रहते हैं।