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Wisdom
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यहां हमारी मौजूदगी बस थोड़े समय के लिए ही है। एक दूसरे से लड़ते हुए हमें इसे और कम नहीं करना चाहिए।
अगर आप अपने मन और शरीर सहित सभी उपकरणों के प्रति आदर भाव रखते हैं, तो हर काम एक आनंदमय और फलदायक प्रक्रिया बन जाता है।
जो इंसान देवी की कृपा अर्जित कर लेता है, वह एक धन्य प्राणी है। आप एक ऐसा जीवन जिएंगे जो आपकी कल्पना, क्षमता और योग्यताओं से कहीं बढ़कर होगा।
स्त्री-प्रकृति जीवन का एक शक्तिशाली आयाम है। स्त्रैण ऊर्जा या शक्ति के बिना, अस्तित्व में कुछ भी नहीं होगा।
जीने के अलावा यहां और कुछ करने को नहीं है। आपके पास बस यही विकल्प है - या तो आप जीवन को सतही तौर पर जिएं, या फिर इसे गहराई में जिएं।
केवल वही लोग वास्तव में सुरक्षित हैं जो सुरक्षा की जरूरत से परे चले गए हैं।
शरीर और मन आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं। जब शरीर स्थिर होता है, तो मन स्वाभाविक रूप से उसका अनुसरण करता है।
मनुष्य होने का अर्थ है प्रकृति के तथाकथित नियमों से परे जाने और कुछ ऐसा करने की क्षमता रखना जो हमसे कहीं अधिक विशाल हो।
विजयदशमी अस्तित्व के तीन मौलिक गुणों- तमस, रजस और सत्व - पर विजय पाने के लिए है। मेरी कामना है कि यह दिन आपके लिए विजय का दिन बने।
प्रेम किसी दूसरे के बारे में नहीं है। प्रेम कोई कार्य नहीं है। प्रेम आपके होने का तरीका है।
डर अचेतन होने का एक परिणाम है। डर हमें बचाता नहीं है। केवल सचेतन होकर ही हम सही मायनों में जीवन का निर्माण कर सकते हैं।
आत्मज्ञान प्रकाश के बारे में नहीं है, बल्कि यह उस दृष्टि के बारे में है, जो प्रकाश और अंधकार से परे है।