जाने माने Heart Surgeon डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी सद्गुरु से पूछते हैं कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद की एक किताब में पढ़ा है कि प्राचीन काल में ऋषि मुनि एक दूसरे से मीलों दूर बैठे ही विचारों के माध्यम से बात कर लेते थे। क्या ऐसा वास्तव में संभव है?
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