"भारतीय संस्कृति में हमने नदियों को पानी के भंडार की तरह नहीं देखा है। हमने उन्हें जीवन देने वाली देवीयों के रूप में देखा है, हमने हमेशा उन्हें अपने जीवन के लिए जीवनदायी मूल तत्व के रूप में देखा है।" - सद्गुरु
video
Aug 2, 2018
Subscribe
Get weekly updates on the latest blogs via newsletters right in your mailbox.