सद्गुरु का अर्थ
सद्गुरु समझाते हैं, ‘सद्गुरु शब्द कोई पदवी नहीं है। यह एक व्याख्या है। सद्गुरु का अर्थ है ‘अशिक्षित गुरु’।’
सद्गुरु: जब कोई विद्या प्राप्त करके आता है, तो उसे कई अलग-अलग नामों से बुलाया जाता है। अगर कोई आंतरिक अनुभव प्राप्त करता है, तो उसे सद्गुरु कहा जाता है।
‘सद्गुरु’ शब्द कोई पदवी नहीं है। यह एक विवरण है। सद्गुरु का अर्थ है ‘अनपढ़ गुरु।’ मैं आध्यात्मिक तौर पर लगभग पूरी तरह अनपढ़ हूं। मैं किसी धर्मग्रंथ की बात नहीं जानता। मैंने वेद नहीं पढ़े हैं, और भगवद्गीता पढ़ने की जरूरत नहीं समझी। मैंने सिर्फ आंतरिक अनुभव किया है और मैं पक्के तौर पर सिर्फ जीवन के इस अंश को – उसकी उत्पत्ति से लेकर उसके चरम तक, जानता हूं।
अगर आप जीवन के इस अंश को जानते हैं, तो इस ब्रह्मांड में जानने योग्य जितनी चीजें हैं, उन सभी को जानते हैं, क्योंकि जीवन का यह अंश और सारी ब्रह्मांडीय प्रकृति एक ही तरह से घटित हुई है। दुनिया के रहस्यों को जानने के लिए आपको पूरे ब्रह्मांड की खोज करने की जरूरत नहीं है। अगर आप अपने अंदर की ओर देखें और जीवन के इस अंश को आदि से अंत तक जान जाएं, तो आप हर संभव तरीके से जीवन को जान सकते हैं।
‘सद्गुरु’ शब्द कोई पदवी नहीं है। यह एक विवरण है। सद्गुरु का अर्थ है ‘अनपढ़ गुरु।’ मैं आध्यात्मिक तौर पर लगभग सौ फीसदी अनपढ़ हूं।
मैं जीवन की बात करता हूं, स्वर्ग की नहीं। यह कोई लोकप्रिय बात नहीं है, मगर मुझे लगता है कि गुरु की सारी कोशिश साधक की जिज्ञासा को गहन करने की होनी चाहिए, न कि साधक को उत्तर देने की। अगर कोई इंसान कहता है कि “वह कुछ नहीं जानता”, तो उसके जीवन में जानने की संभावना खुली होती है। अगर वह नहीं जानता, और उसे लगता है कि वह जानता है, तो वो पूरी तरह उलझ जाता है। अगर मैं आपको जवाब दूंगा तो आपके पास सिर्फ दो विकल्प होंगे कि या तो आप मुझ पर विश्वास करें या न करें। अगर आप मुझ पर विश्वास करेंगे, तो आप अपनी जिज्ञासा का जवाब पाने की ओर नहीं बढ़ पाएंगे। अगर आप मुझ पर विश्वास नहीं करेंगे, तो भी आप जवाब के करीब नहीं पहुंचेंगे। आपके पास बस एक दिलचस्प कहानी होगी जो मैंने आपको सुनाई है, और जिसे आप दूसरों को सुनाएंगे। फिर वे और लोगों को सुनाएंगे। इस तरह उसका रूप बिगड़ता जाएगा और सालों से चली आ रही तमाम विकृत हो चुकी कहानियों में और इजाफा हो जाएगा। ऐसी कहानियों ने लोगों के जीवन को बुरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। इसलिए अगर आप विद्वता या अध्ययन से जुड़े ज्ञान की खोज कर रहे हैं, तो यह जगह आपके लिए नहीं है। अगर आप अपनी चरम प्रकृति को जानने का तरीका खोज रहे हैं, तो यही वह जगह है।