ईशा होम स्कूल
छात्र ऐसे वातावरण में शिक्षा ग्रहण करते हैं - जहाँ उन्हें पहले से तय, और आयु के अनुसार रचे गए पाठ्यक्रम से परे जा कर, सीखने की क्षमता का विकास करने का अवसर मिलता है। यह स्कूल, जीवन के सभी पक्षों को, शैक्षिक प्रक्रिया में शामिल करने पर बल देता है, और इसके संपूर्ण व व्यापक पाठ्यक्रम में कला, संगीत, व नाट्य आदि को भी पढ़ाई के साथ शामिल किया गया है।
ईशा होम स्कूल की स्थापना वर्ष 2005 में सद्गुरु द्वारा की गई थी। वेल्लिंगिरी की तलहटी में, ईशा योग केंद्र के शांत वातावरण में स्थित, इस आवासीय पाठशाला में संसार के अलग-अलग हिस्सों से आए छात्र और शिक्षक रहते हैं।
छात्र ऐसे वातावरण में शिक्षा ग्रहण करते हैं - जहाँ उन्हें पहले से तय, और आयु के अनुसार रचे गए पाठ्यक्रम से परे जा कर, सीखने की क्षमता का विकास करने का अवसर मिलता है। यह स्कूल, जीवन के सभी पक्षों को, शैक्षिक प्रक्रिया में शामिल करने पर बल देता है, और इसके संपूर्ण व व्यापक पाठ्यक्रम में कला, संगीत, व नाट्य आदि को भी पढ़ाई के साथ शामिल किया गया है।
65 एकड़ के क्षेत्र में फैले, इस स्कूल के तीन ब्लॉक हैं: जूनियर, मिडिल व सीनियर स्कूल। जूनियर व मिडिल स्कूल छात्रों को उनके आवासीय ब्लॉक्स में ही पढ़ाया जाता है, जबकि सीनियर स्कूल की पढ़ाई के लिए एक अलग भवन, ज्ञानशाला है।
आईसीएससी बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल में उच्च प्रशिक्षित अंतर्राष्ट्रीय पेशेवर जैसे डाॅक्टर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट, सी.ए., खिलाड़ी, लेखक व कलाकार भी अध्यापकों के तौर पर अपना समय और प्रतिभा बाँट रहे हैं। यह तथ्य विशेष तौर पर उल्लेखनीय है कि वे सभी पूर्ण-कालिक स्वयंसेवीअध्यापकों के तौर पर काम करते हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र में काम करने के लिए अपनी नौकरियों से त्याग-पत्र दिए हैं। युवा तथा वृद्ध लोगों से भरपूर यह स्कूल, छात्रों व अध्यापकों के बहुसांस्कृतिक मेल का अनूठा नमूना है।