होल्नेस कार्यक्रम के अनुभव

जब इस कार्यक्रम की घोषणा की गई, तो मेरे सामने कोई प्रश्न ही नहीं था कि मुझे जाना चाहिए या नहीं। न ही कोई विकल्प था। मैं बिना किसी उम्मीद के इस कार्यक्रम में आई। मैं नहीं जानती थी कि वहां क्या होने वाला है। मैं बस इसलिए वहां आई थी, क्योंकि सद्गुरु वहां थे और वह हमारे साथ रहने वाले थे।

सद्गुरु हर दिन हमारी दिनचर्या जिस तरह तैयार करते थे, आखिरकार हम समझ नहीं पा रहे थे कि हम किस मोड़ पर खड़े हैं। कभी-कभी हमें पता नहीं चलता था कि हम सद्गुरु को कैसे समझें। मगर जैसे ही हमें यह महसूस हुआ कि वह हमारे लिए मित्र से कहीं ज्यादा हैं और उस भद्र पुरुष से कुछ अधिक हैं, जिसे अब तक हम जानते रहे हैं, तो हमें यह एहसास होने लगा कि वह एक आध्यात्मिक गुरु हैं। हमने उनके ऐसे पहलू देखें, जो हमने अब तक नहीं देखे थे और उनके अस्तित्व के बारे में हमें पता भी नहीं था। हमें जिस तरह के अनुभव हुए, ऐसा लग रहा था मानो हर दिन चमत्कारी चीजें चीजें हो रही थीं और लोगों को बहुत सारे अनुभव हो रहे थे। संपूर्णता कार्यक्रम में बहुत सी ऐसी चीजें हुईं, जिन्हें मैंने न तो उससे पहले कभी देखा था, न उसके बाद देखा।

- माँ गंभीरी

उन नब्बे दिनों में, पहले तीस दिन बहुत महत्वपूर्ण थे। मुझे लगता है कि सद्गुरु उन तीस दिनों में सोए ही नहीं। जब भी हम उठकर देखते, तो वह हमारे आस-पास होते। उन तीन महीनों में हम हर तरह से सद्गुरु के काफी करीब थे। उन्होंने हम सब के लिए पूरी तरह खुद को समर्पित कर दिया था और हर संभव रूप में हमारे लिए उपलब्ध थे। वह हर पल हमारे साथ ही थे।

- अज्ञात