हैंड्स ऑफ़ ग्रेस एक अनूठी हस्तशिल्प प्रदर्शनी है, जिसमें संपूर्ण भारत के पारंपरिक हस्तशिल्प व कला का प्रदर्शन किया जाता है। हस्तशिल्पियों के दल अपने हाथों बने फर्नीचर, आंतरिक सज्जा की वस्तुओं, वस्त्रों, आर्गेनिक शरीर रक्षा उत्पादों, पाषाण व धातु शिल्प, सहायक व उपहार में देने योग्य सामग्रियों का प्रदर्शन करते हैं।

भारत का हस्तशिल्प, हज़ारों वर्षों की निपुणता और दक्षता के साथ, देश के सांस्कृतिक ताने-बाने से जुड़ा है और कभी दैनिक जीवन का अभिन्न अंग हुआ करता था। वह सब उनके लिए आजीविका का साधन मात्र नहीं था, वे इसे आध्यात्मिक विकास की प्रक्रिया के रूप में भी ग्रहण करते थे। दुर्भाग्यवश, औद्योगीकरण तथा विशाल स्तर पर होने वाले उत्पादन ने अनेक हस्तशिल्प परंपराओं के बुनियादी ढाँचे को मिटा दिया और इससे पिछले कुछ सौ सालों के दौरान उनका अस्तित्व ही समाप्त होता चला गया। हैंड्स ऑफ़ ग्रेस, ईशा फाउंडेशन का ऐसा ही एक प्रयास है, जिसमें भारत के पारंपरिक कला व हस्तशिल्प उद्योग को नए सिरे से जीवित करने तथा भावी पीढ़ियों के लिए एक दीर्घकालीन विरासत को संजोने का काम किया जा रहा है। यह उस मुख्य पहल का एक हिस्सा है, जिसके द्वारा ईशा भारत की प्राचीन सांस्कृतिक जड़ों व मूल्यों को पुनर्जीवित करना चाहता है। यह प्रदर्शनी नवरात्रि उत्सव तथा ईशा योग केंद्र में चलने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ जारी रहती है।