32 देशों के 800 से अधिक प्रतिभागी अपने आंतरिक विकास के लिये 7 महीने बिताने के लिए ईशा योग केंद्र के प्राणप्रतिष्ठित स्थान में एक साथ आते हैं।

स्वतंत्र रूप से काम करने से लेकर भीतर की स्वतंत्रता तक

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रश्मि - कला निर्देशक, मुंबई, भारत

रश्मि:साधनापद से पहले, सर जे जे स्कूल ऑफ आर्ट कॉलेज, मुंबई में मैंने विज्ञापन और संचार व्यवस्था का अध्ययन किया। यह वह कॉलेज है जिसमें जाने का सपना मैं सातवीं कक्षा से ही देखती थी। जब मैं टेलीविजन पर फिल्में देखा करती थी, तो मुझे फिल्म से ज्यादा विज्ञापन रचनात्मक नज़र आते थे। कॉलेज के बाद, मैंने विज्ञापन एजेंसियों में एक कला निर्देशक के रूप में काम किया, जो टेलीविजन विज्ञापनों का निर्माण कर रहे थे। और फिर मैककॉन वर्ल्डग्रुप, ग्रे एडवरटाइजिंग, और ओगिल्वी & माथेर जैसी शीर्ष एजेंसियों के लिये वोडाफोन, ग्लूकोन-डी और अन्य अभियानों पर एक फ्रीलांसर के रूप में काम किया।

प्रश्न:आपने ईशा और साधनापद के बारे में पहली बार कैसे सुना?

रश्मि:मुझे अपने भाई से ईशा के बारे में पता चला, जिन्होंने इस कार्यक्रम को किया था और मैंने उनमें इतने बदलाव देखे कि मैं स्वयं इस कार्यक्रम को करने के लिए प्रेरित हो गई। मुझे एक बड़े प्रोजेक्ट पर काम करने के दौरान साधनापद के बारे में पता चला था। जब भी मैं यूट्यूब खोला करती थी, तब साधनापद वीडियो दिखाई देता था। मैंने कहा, "ठीक है, मैं इसके लिए पंजीकरण कर रही हूँ!" मेरे ग्राहकों और सह-कर्मियों ने मुझसे पूछा, "सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा है। आप क्यों जा रही हैं?” मैंने उनसे कहा, “सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा है और मेरा जीवन बहुत आरामदायक है। सब कुछ ठीक है, उसके बावजूद मैं खुश नहीं हूं। इसलिए कुछ अलग करने का समय आ गया है।”

प्रश्न:काम से सात महीने दूर रहना, क्या यह आपके बायो डेटा के लिए बुरा नहीं है?

रश्मि:अरे, नहीं। यह वह समय था जब ग्राहक मेरे पास ख़ुद आ रहे थे। यदि आप अपने काम में अच्छे हैं, यदि आप जानते हैं कि आप जो भी करते हैं, उसे अपना सौ प्रतिशत देते हैं, तो काम की कोई कमी नहीं है। आप कभी भी शुरू कर सकते हैं, कभी भी रोक सकते हैं।

प्रश्न: साधनापद में आने के बाद से क्या आपकी सफलता की परिभाषा बदल गई है?

रश्मि:विज्ञापन उद्योग का हर व्यक्ति कुछ पुरस्कार पाने की आशा रखता है। यहां आने से ठीक पहले, मैंने स्तन कैंसर के लिए एक परियोजना पूरी की थी। और उसे ऐड एजेंसी को मिल सकने वाला सर्वोच्च पुरस्कार मिला था। तो मैं ऐसी थी, "मुझे यह मिल गया है, अब आगे और क्या?" इन सभी पुरस्कारों को पाने के बाद भी मैं खुश नहीं थी। अब मुझे पता चल गया है कि आंतरिक संतुष्टि का अर्थ बहुत अधिक है। मैंने इस तरह की आंतरिक संतुष्टि का कभी अनुभव नहीं किया था जो अब मेरे भीतर साधनापद में खिल रही है।

प्रश्न:क्या आपने यहां कोई नया कौशल खोजा है?

रश्मि:लोगों के साथ मिल-जुल कर रहना ! एक फ्रीलांसर के रूप में, मैं अकेली थी और अपने स्वयं के सुविधा क्षेत्र में फंस गयी थी। फिर धीरे-धीरे मुझे ऐसा लगने लगा था कि मैं अपने भाई को भी बर्दाश्त नहीं कर सकती थी। साधनापद से गुजरते हुए, मैं ज़्यादा निपुण, और ज़्यादा संतुलित महसूस कर रही हूं, और बड़ी बात यह है कि मैं लोगों के साथ, जैसे वे हैं, वैसे ही बेहतर तरीके से रह सकती हूं।

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एक आविष्कारक ने आविष्कार किया

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नायल- आविष्कारक, आयरलैंड

नायल:मैं एक आविष्कारक हूं जो अब रचनात्मक तकनीकी उद्यमी में बदल गया है। मैं नवीन मशीनों, वस्तुओं और उपकरणों के डिजाइन और निर्माण के प्रति जुनूनी हूं।

मैंने रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सहायक उपकरण में विकास करने के लिये अपनी खुद की कंपनी की स्थापना की। मेरे उत्पादों को न्यूयॉर्क और सैन फ्रांसिस्को में कई निर्माता मेलों में प्रदर्शित किया गया है। इन उत्पादों में मेरा पेटेंट उत्पाद - पिंजिग भी है, ये एक ऐसा उपकरण है जिससे निर्माता पूरे इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट बोर्ड के छिद्रों में इलेक्ट्रॉनिक पार्ट के साथ तार को पिघलाकर जोड़ सकते हैं।

मैंने एक नए प्रकार का रोबोट विकसित किया था, जिसे मैं लॉन्च करने वाला था, लेकिन फिर तय किया कि इसके बजाय यहां आना बेहतर होगा - और मुझे इस बात का जरा भी अफसोस नहीं है!

प्रश्न:आपने साधनापद के लिये आने का विकल्प क्यों चुना?

नायल:वर्षों से मैंने आध्यात्मिकता के बारे में केवल बातें ही की है, लेकिन अब वक्त आ गया है कि "बात बंद कि जाए और अमल किया जाए"। इसीलिए, साधनापद!

प्रश्न:आश्रम में रहने के बारे में आपकी पसंदीदा बात क्या है?

नायल:हर दिन ध्यानलिंग में समय बिताना! सद्‌गुरु अक्सर बात करते हैं कि लिंग वास्तव में एक ध्यान मशीन है और एक मशीन डिजाइनर होने के नाते, मैं वास्तव में इसको समझ सकता हूँ, इसकी सराहना कर सकता हूं। मेरे अनुभव में यह क्या लाता है, इसके लिये केवल एक शब्द है- "अवर्णनीय"।

प्रश्न:क्या आप उन विशिष्ट परिवर्तनों के बारे में बात कर सकते हैं जो आपने साधनापद के चार महीने बाद खुद में देखे हैं?

नायल:असंभव लगने वाला विकास हो रहा है। असंभव सी प्रगति हो रही है। मेरी ऊर्जा और मेरी तीव्रता बदल गई है। मैं बहुत सारा वेटलिफ्टिंग, स्क्वाटिंग, डेडलिफ्ट्स और बेंच प्रेस करता था। मुझे लगता है कि मेरा लचीलापन वापस आ रहा है जो भारोत्तोलन की वजह से चला गया था। भीतर, और बाहर भी एक शांति धीरे-धीरे खिल रही है। मैं अब ज़्यादा चलता हूँ। मेरा वजन पहले तीन महीनों में ही लगभग 20 किलो कम हो गया था। जब मैंने शुरुआत की थी तो मैं सर्वांगासन नहीं कर पाता था, और मुझे मत्स्येन्द्रासन बहुत ही कठिन लगता था। अब मैं मुश्किल मत्स्येन्द्रासन भी आसानी से कर सकता हूँ ... यह कहा जा सकता है कि मैंने "यह धीरे धीरे पर निश्चित रूप से कर लिया है"!

सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग से लेकर इनर इंजीनियरिंग तक

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सुराजित - लीड डेवलपर, बैंगलोर

सुराजित:मैं बैंगलोर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम कर रहा था - आईएमएस हेल्थकेयर में साढ़े चार साल, और फिर डिलीवरी लीड के रूप में आईबीएम में साढ़े सात साल। मैंने सॉफ्टवेयर डिजाइन और आर्किटेक्चर पर काम किया, लगभग पंद्रह से बीस लोगों का प्रबंधन किया।

प्रश्न:आप पहली बार ईशा के संपर्क में कैसे आए?

सुराजित:मैं आध्यात्मिक किताबें पढ़ता था और 2011-12 के आसपास मेरे कार्यालय के रास्ते में, बिजली के हर खंभे पर सद्‌गुरु की तस्वीर लगी हुई थी और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे वे मुझे बुला रहे हैं। मैं हैरान था कि यह कौन है? मैंने मिस्टिक आई पुस्तक को पढ़ा और तुरंत ही इनर इंजीनियरिंग के लिए दाखिला ले लिया। इसके तुरंत बाद भावस्पन्दन में शामिल हो गया। तब से मैं ईशा के साथ जुड़ा हुआ हूँ। मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि साल में एक बार बीएसपी में स्वयंसेवा करूं। हर कुछ महीनों में, जब भी मेरे पास एक लंबा सप्ताहांत होता है, तो मैं बस स्वयंसेवा के लिए आश्रम में आ जाता हूं।

प्रश्न:साधनापद में आपकी विशिष्ट भूमिका क्या है?

सुराजित:यहां मेरी विशिष्ट भूमिका एक एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म बनाने की है। ईशा में अब बहुत सारे आंकड़े हैं, कार्यक्रमों की संख्या बढ़ने के साथ, सद्‌गुरु विश्व स्तर पर जाने जा रहे हैं। ऑनलाइन उपस्थिति तेजी से बढ़ रही है, कावेरी कॉलिंग जैसे विशाल ऑन-ग्राउंड अभियानों का उल्लेख नहीं करना है। लेकिन जो चीज हमें महसूस हो रही है, वह यह है कि हमारे पास एनालिटिक्स रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म नहीं है। हमने एक अस्थायी रिपोर्टिंग प्लेटफ़ॉर्म बनाया है - आपने कावेरी कॉलिंग डैशबोर्ड देखा होगा। हम ईशा के सभी डेटा के लिए ऐसा बना रहे हैं।

साधनापद समीकरण

एलिज़ा - रसायन विज्ञान व्याख्याता, ओडिशा, भारत

एलिज़ा:साधनापद से पहले, मैंने अपनी पीएचडी पूरी की और कॉलेज के छात्रों को रसायन विज्ञान पढ़ा रही थी और ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों को भी पढ़ा रही थी।

प्रश्न: साधनापद के लिए आपने क्यों आवेदन किया था?

एलिज़ा:जब मैंने पहली बार सद्‌गुरु के वीडियो देखे, मैंने तभी फैसला कर लिया था कि मुझे आश्रम में कुछ समय बिताना चाहिये और आध्यात्मिक मार्ग पर चलना चाहिये। साधनापद वीडियो देखने के बाद, मैं आश्रम का भी अनुभव करना चाहती थी और देखना चाहती थी कि क्या मैं पूर्णकालिक स्वयंसेवक के रूप में यहां सहज रूप से रह सकूंगी?

प्रश्न:तो आप साधनापद में यहाँ क्या सेवा कर रही हैं?

एलिज़ा:जब मैं यहां आयी, तो उन्होंने मुझे बताया कि मेरी सेवा ईशा होम स्कूल में कक्षा ग्यारह और बारह के छात्रों को रसायन शास्त्र पढ़ाना है। उस समय मैं थोड़ा निराश हो गई क्योंकि मैं वही काम नहीं करना चाहती थी। लेकिन तीन से चार दिनों के भीतर, मेरी धारणा पूरी तरह से बदल गई। पहले जब मैं कक्षा में जाती थी, तो मैंने अपने आप को एक बहुत ही सख्त शिक्षक के रूप में स्थापित किया हुआ था लेकिन यहाँ ऐसी चीजों की कोई आवश्यकता नहीं है। जब मैं कक्षा में प्रवेश करती हूं, तो वे चिल्लाते नहीं हैं, वे चुपचाप बैठते हैं। यहां तक कि अगर वे सुनना नहीं भी चाहते हैं, तो भी कक्षा को परेशान नहीं करते। लेकिन बाहर, मैं अपना आधा समय कक्षा को नियंत्रित करने में लगाया करती थी। यहां के छात्र बहुत होनहार हैं और जल्दी सीखते हैं। जब मैं कॉलेज में पढ़ाती थी, तो वह एक पेशे की तरह था, लेकिन यहाँ सभी शिक्षक अन्य गतिविधियों में भी शामिल हैं, ना कि केवल एक विषय को पढ़ाने के लिए। इसलिए, मैं हमेशा अन्य गतिविधियों जैसे नृत्य, गायन और नाटक का आनंद लेती हूं। यह एक शानदार अनुभव है। मुझे ऐसा नहीं लगता कि मैं पढ़ा रही हूं। यह एक आनंदमय अनुभव है।

यहाँ हमें जो सब कुछ मिलता है उसे देख कर मैं द्रवित हो उठती हूँ। जब मैं सोचती हूं कि सद्‌गुरु ने हमें क्या क्या दिया है, तो कई बार मैं रोने लगती हूँ। वे उन हजारों लोगों को इतनी बड़ी चीज़ कैसे दे सकते हैं जो आध्यात्मिकता के बारे में इतना कम जानते हैं? हर एक को इस अवसर का सदुपयोग करना चाहिये।

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