दिसंबर 2012 में सद्गुरु ने सूर्यकुंड की प्राण-प्रतिष्ठा की। इस दो दिवसीय प्रक्रिया में 10,000 लोग सम्मिलत हुए। उसके मुख्य अंश आप नीचे देख सकते हैं।