आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
इस नदी को प्राचीन समय में मुचुकन्द के नाम से जाना जाता था और अनंतगिरि पहाड़ियों में उसका स्रोत महाभारत काल से जुड़ा है।
यह नदी वादापल्ली में कृष्णा नदी से मिलती है। श्री मीनाक्षी अगस्तेश्वर स्वामी मंदिर यहीं स्थित है और इसे बारहवीं सदी में काकतीय शासकों ने बनवाया था।
वादापल्ली में एक श्री नरसिंह स्वामी मंदिर भी है, जहां बताया जाता है कि व्यास महर्षि ने साधना की थी।