ईशा में हम भारत की नदियों को पुनर्जीवित करने का एक होलिस्टिक, दीर्घकालीन हल खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें इससे जुड़े सभी लोगों के भी हितों का ध्यान रखा गया हो। हमने सरकार के लिए एक व्यापक नीति सिफारिश तैयार करने के लिए पर्यावरण के क्षेत्र के अग्रणी वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के साथ चर्चा की। देखते हैं कि इनमें से कुछ विशेषज्ञों ने क्या कहा:

ईशा पर्यावरण मामलों में अपने दो दशकों के अनुभव के आधार पर सरकार के लिए नदी पुनर्जीवन नीति सिफारिश का मसौदा तैयार कर रही है। ईशा का प्रोजेक्ट ग्रीन हैंड्स (पीजीएच) एशिया के सबसे बड़े पर्यावरण आंदोलनों में रहा है। लोगों के सहयोग से पीजीएच ने तमिलनाडु में अब तक 3.2 करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं। तमिलनाडु भारत का इकलौता राज्य है, जिसमें पिछले 15 सालों में पेड़ों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।

फिलहाल हम तमिलनाडु एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी और तमाम अन्य तकनीकी विशेषज्ञों के सहयोग से नदी पुनर्जीवन की एक नीति का मसौदा तैयार करने में लगे हैं। इस नीति में नदी की पुन: बहाली से जुड़े कई पहलुओं को शामिल किया जाएगा जैसे वृक्षारोपण, किसानों की आजीविका, कॉर्पोरेट और सरकार की भागीदारी, आदि। एक व्यापक राष्ट्रीय नीति का यह मसौदा 2 अक्टूबर को केंद्र सरकार के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद यह मीडिया के लिए उपलब्ध होगा और जनता इस पर अपनी राय और सुझाव दे पाएगी। इसके बाद हम हर राज्य के स्तर पर अलग-अलग नीतियों और उनके निष्पादन पर एक ज्यादा विस्तृत दस्तावेज तैयार करेंगे।

नीति दस्तावेज तैयार करने के चरण में हम नदियों और नदियों के पुनर्जीवन के संबंध में जानकारी और अनुभव रखने वाले लोगों के सुझावों और योगदानों का स्वागत करते हैं। अगर आपके पास ऐसे सुझाव हैं, तो हम उन्हें सुनना चाहेंगे। आप Ideas@RallyforRivers.org पर हमसे संपर्क कर सकते हैं।