नदी अभियान के लिए पूरा देश है तैयार
इस बार के स्पॉट में सद्गुरु हमें बता रहे हैं कि किस तरह नदी अभियान से जुड़ी गतिविधियों को समाज के हर वर्ग से इतना समर्थन मिला है, मानो सभी इसका इंतज़ार कर रहे थे। पढ़ते हैं....
कैलाश की यात्रा के बाद से अभी तक मैं आश्रम नहीं लौटा हूं। काठमांडू से मैं ‘ग्लोबल सिटिजन फोरम’ के एक आयोजन में भाग लेने के लिए सीधे सिंगापुर चला गया।
इस मौके पर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम था - एक इलेक्ट्रिक कार का उद्घाटन। ये कार चीनी ऑटोमोबाइल कंपनी ‘बाइड’ ने बनाई है। इस कंपनी के नाम का उच्चारण अंग्रेजी शब्द ‘बैड’ की तरह लगता है, लेकिन कार वास्तव में बहुत अच्छी है। सिंगापुर में उबर की सर्विस में इलेक्ट्रिक कारें भी शामिल हो रही हैं।
एक दिन से भी कम समय के इस दौरे में बाइड की कारों को हरी झंडी दिखा कर इन्हें सिंगापुर में उबर के बेड़े शामिल कराया। उसके बाद मैं भारत लौट आया। भारत में सबसे पहले मुंबई जाना हुआए जहां मैंने नदी अभियान के लिए मीडिया के कई आयोजनों में भाग लिया। फिर चेन्नई, बेंगलुरु और अब दिल्ली में ‘नदि अभियान’ को लेकर लगातार मीडिया संवाद और कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
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चेन्नई में हमने 4500 लोगों के साथ ‘मिस्टिक आइ’ कार्यक्रम का आयोजन किया था। एक लंबे अर्से बाद हमने चेन्नई में ऐसी कोई जनसभा आयोजित की थी। लोगों के साथ जुड़ने का यह एक अच्छा मौका था।
इस आयोजन में मैंने तमिलनाडु के आईपीएस अधिकारियों को और उनके परिवारजनों को संबोधित किया। यह देखना अपने आप में सुखद संयोग था कि तमिलनाडु राज्य पुलिस बल एक ऐसी पुलिस बल है जो बेहद विनम्र और समर्पित है।
चेन्नई, बेंगलुरु और अब दिल्ली में, एक के बाद एक कार्यक्रमों का एक तूफानी सिलसिला था। यह देखकर बेहद अच्छा लगा कि सारे मीडिया समूह अपनी सीमाओं से बाहर निकल कर नदियों के लिए होने वाले नदी अभियान के लिए समर्पित दिखाई दिए। समाज का हर तबका नदियों को लेकर बेहद उत्साहित दिखाई दिया। यह देखा कर ऐसा लगा कि देश नदियों के लिए ऐसी रैली का मानो इंतजार ही कर रहा हो।
इस काम के लिए हर दिशा से सहयोग और समर्थन की बाढ़ सी आ गई है। इस भावना और उत्साह को वास्तव में अपने यहां की नदियों के हमेशा बने रहने वाले प्रवाह का रूप ले लेना चाहिए। हालांकि इस दिशा में अभी बहुत काम होना बाकी है, यह तो शुरुआत मात्र है।
वास्तव में अद्भुत रूप से विविधताओं से भरा होने और हरसंभव तरीके से विरोधाभासी होने के बावजूद यह इस देश की सुंदरता और महानता है कि राष्ट्र की दृष्टि से कोई जब कोई वाकई महत्वपूर्ण मुद्दा आता है तो यह देश एक होकर खड़ा हो जाता है।
आज की रात मैं कुछ जरूरी शूटिंग के बेंगलुरु जा रहा हूं और उसके बाद नदी अभियान के वाहन को कोयंबटूर तक ड्राइव करूंगा।
यहां मैं अपने से जुड़ी एक और दिलचस्प बात कहना चाहूंगा कि मैं फिर से दोपहिए पर आ रहा हूं। जब मैं मोटर साइकिल चलाया करता था तब ऐसी गाड़ियां नहीं हुआ करती थीं। मोटरसाइकिल पर लौट कर बहुत अच्छा लग रहा है, नदी अभियान के लिए होने वाली रैली का शुक्रिया। लगभग सभी बड़े शहरों में स्थानीय लोगों के साथ मोटरसाइकिल पर सवारी निकलेगी।
कामना है कि सबके कल्याण के लिए तैयार होने वाली विरासत का हिस्सा बनने की खुशी आप भी जानें और महसूस करें।
नदी अभियान से जुड़ें,