ऐतिहासिक शहर जयपुर के कार्यक्रम

कोलोन से मुंबई की उड़ान, रात 10:30 बजे उतरना और शायद सुबह 3 बजे आश्रम पहुंचना होगा। पिछला सप्ताह बहुत तेज रफ्तार से गुज़रा। मगर यह सप्ताह वास्तव में जोश भरा रहा है। जयपुर में एक वाईपीओ कार्यक्रम में शामिल होने से लेकर पहली बार गुलाबी शहर में ‘मिस्टिक आई कार्यक्रम’का आयोजन होना। जयपुर की यह यात्रा कई वजहों से खास रही है। अगर बस गर्मियों में अधिक तापमान का सवाल न होता, तो यह शहर सबसे बेहतर शहरों में एक हो सकता था। अतीत का राजसी हैंगओवर मुंह में एक अनोखा मगर कई बार चिंताजनक स्वाद छोड़ जाता है। ‘पद्मावती’ विवाद के साथ कई मुद्दे जो वास्तव में भीषण हैं, पर ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्द हैं, वे अचानक से सामने आ खड़े हुए हैं। वास्तुशिल्प और ज्यामिति की सटीकता को पसंद करने वाले मेरे जैसे व्यक्ति के लिए यह शहर बहुत खास है। साथ ही नदी अभियान की सिफारिशें मुख्यमंत्री के सामने पेश कीं, जो पहले ही इस रेगिस्तानी राज्य में जल संरक्षण की दिशा में अच्छा-खासा काम कर रही हैं। नदी अभियान की बोर्ड मीटिंग के लिए दिल्ली पहुंचा, इस मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। किरण मजूमदार शॉ और प्रवेश शर्मा का योगदान इसकी सफलता में बड़ी भूमिका निभाएगा। साथ ही सभी संबंधित मंत्रालयों के साथ नीति आयोग को संबोधित किया, नौकरशाहों में खूब जोश और प्रतिबद्धता दिखाई दी। आम तौर पर रूखे माने जाने वाले नौकरशाहों में इतना उत्साह और जोश देखकर अच्छा लग रहा था। नदी अभियान के मामले में प्रगति रिपेार्ट मीडिया पार्टनर टाइम्स ऑफ इंडिया को सौंपा। 2 अक्टूबर को रैली के समाप्त होने के बाद से काफी प्रगति हुई है, जो उल्लेखनीय कही जा सकती है।

ईशा विद्या के लिए गोल्फ कार्यक्रम

मुंबई गोल्फ कार्यक्रम में ईशा विद्या के लिए बहुत बढ़िया प्रतिक्रिया मिली। वीडियो में बच्चों के चेहरे देखकर आंखों से करुणा के आंसू नहीं रुक पाए। आशाहीन जीवन में आशा की रोशनी लाने में कितनी जरा सी कोशिश लगती है, यह दुनिया को बताए जाने की जरूरत है। दूसरे दिन कोलकाता में एक और गोल्फ कार्यक्रम था जो ‘सिटी ऑफ जॉय’ में ऐसा पहला आयोजन था। लोगों की प्रतिक्रिया बहुत अभिभूत करने वाली थी। कोलकाता में पहली बार मिस्टिक आई कार्यक्रम का आयोजन हुआ। 3000 से अधिक प्रतिभागियों से हॉल खचाखच भरा था। लॉयन्स इंटरनेशनल इवेंट और वेस्टिन होटल की ओपनिंग का इवेंट, यह सब एक ही दिन था। अगली सुबह एक जर्जर ‘कारवां’ विमान से गुवाहाटी पहुंचे। असम और बंगलादेश के बहुत अनूठे इलाके के ऊपर से उड़ना वाकई एक रोमांचक अनुभव था। बादलों में स्थित मेघालय वास्तव में अपना नाम सार्थक करता है।

असम में आदियोगी के लिए जगह देखने गए

कोहरे और विमान के उतरने में समस्याओं के कारण माननीय मुख्यमंत्री के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के नदी अभियान कार्यक्रम में विलंब हो गया। माननीय मुख्यमंत्री और कई अन्य मंत्रियों की मौजूदगी में असम सरकार के अधिकारियों की सभा को संबोधित करने के बाद आदियोगी के लिए जगह देखने के लिए भागना पड़ा। इस पूर्वी राज्य में शाम साढ़े चार बजे ही सूर्यास्त हो जाता है। हम साढ़े पांच बजे जाकर साइट पर पहुंच पाए। ब्रह्मपुत्र के तट पर इस सुदूर इलाके में घुप्प अंधेरा था। यह नदी चार देशों से होकर बहती है और इस उपमहाद्वीप की सबसे लंबी नदियों में से एक है। हमारी पूरी टीम वहां थी मगर हम साइट पर सिर्फ 12 मिनट बिता पाए क्योंकि हमें दिल्ली की उड़ान और वहां से आगे कोलोन (जर्मनी) जाने के लिए 7 बजे से पहले एयरपोर्ट पहुंचना था। एस्कॉर्ट वाहनों के पुलिस ड्राइवरों का शु्क्रिया कि उन्होंने असंभव ट्रैफिक हालातों से जूझते हुए मुझे ठीक समय पर वहां पहुंचा दिया। दिल्ली एयरपोर्ट पर मैं वास्तव में अपने पैर पर सो रहा था। मगर यह सप्ताह मेरे लिए गोल्फिंग के मामले में बहुत मज़ेदार रहा। आठ दिन में गोल्फ के 5 राउंड मैंने पहले कभी नहीं खेले थे। मगर निश्चित तौर पर इस बार गोल्फ के खेल का एक मकसद था...

नदी अभियान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण माना जा रहा है

कोलोन में, इकोलॉजी में अग्रणी काम करने वाली एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था, ग्लोबल लैंडस्केप्स फोरम, ने नदी अभियान को एक उल्लेखनीय आंदोलन माना है। यूनेप के कार्यकारी निदेशक एरिक सोल्हेम के साथ मेरी बातचीत और कुछ दूसरे कार्यक्रम 24 घंटे से कम समय में निपटाए गए। एरिक, पर्यावरण की बेहतरी वाले स्थायी विकास के लिए प्रतिबद्धता से काम करते हैं। वह नदी अभियान को बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं। सिर्फ एक सप्ताह के अंतराल में यह सब और भी बहुत कुछ घटित हुआ है। जीवन पूरे जोर-शोर से चल रहा है। साथ चलने वाली और स्थानीय स्वयंसेवकों की हमारी टीमों ने इन सब में बहुत सहयोग दिया है। उनकी लगन और प्रेम देखकर मैं द्रवित हो जाता हूं। क्या किस्मत है! स्विस एयर में उड़ान भरते समय एक परिचारिका (होस्टेस) मेरे पास आती है, हाथ जोड़कर विमान के फर्श पर बैठ जाती है, उसकी आंखों में अत्यंत स्नेह के आंसू हैं। इस युवती और दुनिया भर के और भी ढेरों लोगों के इन प्रेमपूर्ण चेहरों और आंसुओं के लिए मैं मरने को तैयार हूं। व्यस्त 24 घंटों के लिए भुवनेश्वर की यात्रा - इस शहर का मेरे अस्तित्व में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा है। कुछ घंटों के लिए कलिंगा लिट-फेस्ट में और फिर आगे मुंबई और दुबई होते हुए अमेरिका के लिए रवाना। क्रिसमस में मैं III(टेनेसी) में रहूंगा। त्यौहारों के मौसम और एक लाभदायक उत्तरायण के लिए शुभकामनाएं।

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