एक महात्मा, एक मार्टिन, एक लिंकन
अमेरिका का मेंफिस शहर तमाम दूसरी चीजों के अलावा एक गुनाह की वजह से भी जाना जाता है और वह है मार्टिन लूथर किंग की हत्या। मेंफिस से सद्गुरु लिख रहे हैं इस शहर के बारे में:
अमेरिका का मेंफिस शहर तमाम दूसरी चीजों के अलावा एक गुनाह की वजह से भी जाना जाता है और वह है मार्टिन लूथर किंग की हत्या। मेंफिस से सद्गुरु लिख रहे हैं इस शहर के बारे में:
अमेरिका आए हुए मुझे बस 76 घंटे हुए हैं और मैं यहां के दो शहर ह्यूस्टन (टेक्सस) और ब्रूंसविक (न्यू जर्सी) घूम चुका हूं। अब मैं मेंफिस में हूं, जो कभी मिसीसिपी के एक रत्न की तरह था और तब यहां एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन भी था जो इमारती लकड़ी, जानवरों और यहां तक कि इंसानों के व्यापार पर फलता फूलता था। ऐसा और भी बहुत कुछ है जिसके लिए यह शहर जाना जाता है। यह अपने वैभव के लिए भी जाना जाता है और खून खराबे के लिए भी। यह ‘एल्विस द पेल्विस’ की भूमि है और अपनी अनुपम शैली और शानदार जीवन के लिए पूरे देश के साथ साथ दुनिया भर में विख्यात है। आज भी यहां एल्विस के जैसे दिखने वाले लोग हैं जो उसी की तरह कमर घुमाकर अपनी जीविका चलाते हैं। हम अपने शम्मी कपूर को भी नहीं भूल सकते। बीटल्स से काफी पहले एल्विस ने अपनी नाचने की जबर्दस्त शैली से अमेरिकी युवाओं में जोश भर दिया था और समय से पहले ही गंगनम और हरलेम जैसे स्टाइल दिखाने वालों को दौर से बाहर कर चुका था। निश्चित रूप से उसे अमेरिका के दक्षिण का सबसे बड़ा स्टार कहा जा सकता है।
यह शहर एक गुनाह की वजह से भी जाना जाता है। अमेरिका के महान, साहसी, दूरदर्शी नेता और नागरिक स्वतंत्रता के प्रचारक मार्टिन लूथर किंग की हत्या भी यहीं की गई थी। एक गोली ने उनके जीवन का अंत कर दिया था, जो उनके गाल, गले और कंधे को चीरती हुई निकल गई थी। हत्यारे की गोली ने उनके जीवन का तो अंत कर दिया, लेकिन सभी के लिए समान अधिकार लाने की जो महान विचारधारा उन्होंने दी, वह तेजी से बढ़ती गई और उसने इस देश को अलगाव की शर्मिंदगी और तमाम दूसरे पक्षपाती कानूनों से मुक्ति दिलाई। मार्टिन लूथर किंग के योगदान के बिना यह देश राष्ट्र मंडल में अपना सिर कभी गर्व से ऊंचा नहीं कर पाता। मैं आज मेंफिस में हूं और मुझे इस बात पर हैरानी हो रही है कि उनकी हत्या क्यों की गई।
महात्मा, मार्टिन और लिंकन सभी को गोली मारी गई। क्या यह इस बात का प्रमाण है कि हमें दुनिया में महान लोगों की जरूरत नहीं है या इसके माध्यम से हम यह कहने की कोशिश कर रहें हैं कि हम ऐसे लोगों के लायक ही नहीं हैं? जो भी हो, लेकिन सचाई यही है कि उनके जीवन व्यर्थ नहीं गए। 1968 में जिस दिन उन्हें मार गिराया गया था, क्या किसी ने यह कल्पना की होगी कि कोई अश्वेत अमेरिका का राष्ट्रपति बनेगा? यह है उनके जीवन की शक्ति।
सपने हर किसी के होते हैं, लेकिन ऐसे कितने लोग हैं जो उन सपनों को पूरा करने के लिए अपने जीवन को दांव पर लगा दें। जिन चीजों की वास्तव में अहमियत है, उन्हें पैदा करने के लिए साहस और समर्पण कितने लोगों में है! कितने लोग आने वाले कल की खातिर आज के सुख को दांव पर लगा देंगे । एक स्पष्ट और दूरगामी दृष्टि ही यह तय करती है कि हम जिस समय में रह रहे हैं, उसके लिए और आने वाले समय के लिए वह क्या चीज है जो सबसे महत्वपूर्ण है। एक ऐसी ही दृष्टि एक महान इंसान को एक सामान्य इंसान से अलग करती है।
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