पिछले हफ्ते सद्‌गुरु ने कातार अंतर्राष्ट्रीय कारोबारी महिला फोरम को संबोघित किया। पेश है उनके व्‍याख्‍यान के कुछ अंश...

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 आज दुनिया में जिस आर्थिक व्‍यवस्‍था का इस्तेमाल हो रहा है, उसको इंसानियत की सेवा करने लायक बनाने के लिए दोबारा नए सिरे से ढालना-संवारना होगा। 
मैंने कई ऐसे आर्थिक सम्मेलनों में भाग लिया है, जिनमें बहुत-से लोग ऐसे होते हैं, जो भारत को एक इमर्जिंग मार्केट यानी उभरता हुआ बाजार कहते हैं और इसके बारें में सोचते हैं कि इससे फयदा कैसे उठाया जाए। लेकिन जब आप इसे 120 करोड़ लोगों के रूप में देखेंगे, तो सोचेंगे कि उनकी सेवा कैसे की जाए। यदि आप उनकी सेवा करेंगे, तो वे खुद-ब-खुद आपका बाजार बन जाएंगे, आपके संसाधन बन जाएंगे, आपके साझीदार बन जाएंगे; यह काम करने का एक समावेशी तरीका होगा, जो लंबे समय तक चल सकेगा। अगर आप आ कर मेरा फायदा उठाएंगे, तो जितनी जल्दी हो सके, मैं आपसे छुटकारा पा लूंगा। अगर आप आ कर मुझे अपना साझीदार बनाएंगे, मेरी जिंदगी से जुड़ेंगे, तो मैं कभी नहीं चाहूंगा कि आप यहां से जाएं। अर्थव्‍यवस्‍था को ही हमें ऐसे ढालना होगा कि वह लोगों की जिंदगी में कारगर साबित हो । हमारे विचार में कामयाबी का अर्थ किसी ऐसे  इंसान से एक कदम आगे रहना है, जो खुद  गलती करता रहा है।

आज दुनिया में जिस आर्थिक व्‍यवस्‍था का इस्तेमाल हो रहा है, उसको इंसानियत की सेवा करने लायक बनाने के लिए दोबारा नए सिरे से ढालना-संवारना होगा। यही वक्त है कि हम व्यापार और कारोबार को अच्छी तरह समझें और उसको इस तरह से संभाले कि क वह हमारी खुशहाली के लिए काम करे, हमारे खिलाफ नहीं।

 कारोबारी या आर्थिक नेतृत्व देने या साझीदार बनने में महिलाओं की भूमिका बहुत अहम होती है।... महिलाओं ने अपने भीतर ऐसी खास काबिलियत तैयार की है वह वो देख सकती हैं जो कि बाकी लोग नहीं देख पाए। 

कारोबार में या कहीं भी – एक लीडर या मुखिया वो चीजें देख सकता है, जो और लोग नहीं देख सकते। अगर आप कुछ नया नहीं देख सकते, आप किसी चीज को नई तरह से नहीं देख सकते जैसा औरों ने न देखा हो, तो निश्चित है कि आप लोगों के उपहास का विषय बन जाएंगे। कारोबारी या आर्थिक नेतृत्व देने या साझीदार बनने में महिलाओं की भूमिका बहुत अहम होती है। वे एक विशेष गौरव के स्थान पर आसीन हैं, जहां वे आराम से बैठ कर चारों ओर की घटनाओं पर नजर घुमा सकती हैं। महिलाओं ने अपने भीतर ऐसी खास काबिलियत तैयार की है वह वो देख सकती हैं जो कि बाकी लोग नहीं देख पाए। किसी और से आगे बढ़ने की रोज-रोज की दौड़ ने पुरुष को इतना मगन कर दिया है कि वह और कुछ देख ही नहीं सकता। दृष्टि या दूरदर्शिता किसी लीडर का एक अहम हिस्सा होती है, कि वे कुछ नया देख सकते हैं।

टेक्नालाजी में हुई तरक्की के चलते अब इस बात के कोई मायने नहीं रह गए हैं कि कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से कितना शक्तिशाली है। अब इस धरती पर स्‍त्री और पुरुष का फर्क नहीं रह गया है, क्योंकि अब आप घर बैठे पूरी दुनिया तक पहुंच सकते हैं; हर किसी के पास यह पहुंच है।

हमारे पास मनुष्य की हर समस्या के समाधान के लिए जरूरी संसाधन और टेक्नालाजी है।

Love & Grace