इस महीने की शुरुआत में डाक विभाग ने टेलिग्राम सेवा का अंत कर दिया। तारघरों से जो आखिरी संदेश भेजे गए उनमें से एक सद्‌गुरु का भी था।

टेलिग्राम में लिखा था:

“आप चैतन्‍य के आनंद व सुख को जानें । मेरा यह आखिरी टेलिग्राम।

प्रेम व आशीर्वाद -सद्‌गुरु ।”

लेकिन तारघर ने संदेश भेजने में कुछ फेरबदल कर दी और संदेश की आखिरी लाइन में से 'प्रेम' शब्द गायब हो गया। और इस तरह टेलिग्राम की अंतिम लाइन बन गई :

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“मेरा यह आखिरी टेलिग्राम व आर्शीवाद।”

इस गलती के बारे में जब सद्‌गुरु को पता चला तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा,

''यह बात पक्की है कि यह मेरा आखिरी  टेलिग्राम है लेकिन मेरा आशीर्वाद हमेशा साथ रहेगा। तारघर की यह आखिरी गलती है, इसलिए उनको माफ कर दीजिए।

प्रेम व आशीर्वाद

सद्‌गुरु''

Sadhguru-last-telegram