कैसे पता लगा सकते हैं कि बच्चा पैदा करने का आपके जीवन में ये सही समय है? आइये जानते हैं कुछ बातें जिन्हें हम ध्यान में रख सकते हैं

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सद्‌गुरुएक बच्चे को इस दुनिया में लाना सिर्फ आपके और आपकी पत्‍नी के बीच की बात नहीं है; आप इसे जरूर समझें कि आप इंसानों की एक नयी पीढ़ी पैदा कर रहे हैं। क्या यह एक जबर्दस्त जिम्मेदारी नहीं है? अगले पच्चीस सालों में दुनिया कैसी होगी इस बात का दारोमदार इस बात पर है कि आज आप किस तरह के बच्चे पैदा कर रहे हैं; क्‍या ऐसा नहीं है? इसलिए बच्चों की पैदाइश के पीछे गहरी सोच-समझ होनी चाहिए, बच्‍चे संयोगवश न पैदा करें; पूरी जागरुकता में ही आपको इस दुनिया में बच्चा लाना चाहिए। उनकी पैदाइश एक बेहद खुशनुमा माहौल में होनी चाहिए।

पचास-साठ साल पहले ऐसा नहीं था, लेकिन आज के जमाने में आप ये तय कर सकते हैं कि आपको बच्चा कब चाहिए। पहले के जमाने में ऐसा मुमकिन नहीं था।  बच्चे बस पैदा हो जाते थे; ज्यादातर यह तय करना मां-बाप के हाथ में नहीं होता था।

एक बच्चे को इस दुनिया में लाने से पहले मां-बाप को इतना परिपक्व और समर्पित तो होना ही चाहिए, वरना यह आपके लिए जरूरी नहीं है। अगर आप अभी भी बच्चे हैं, तो आपको एक और बच्चे की जरूरत नहीं।
लेकिन आज जब आपके पास विकल्‍प है तो यह बहुत जरूरी है कि मां-बाप इस पर गौर करें – उनका लक्ष्य चाहे जो हो, उनकी उम्मीदें चाहे जो हों – अगर आप एक बच्चा चाहते हैं तो आपको समझना होगा कि यह बीस साल वाली एक लंबी परियोजना है। अगर आपका बच्चा बड़ा हो कर खुशहाल जिंदगी जीता है तो यह बीस-साला की परियोजना है, और अगर नहीं तो यह जिंदगी भर चलते रहने वाली एक मुश्किल परियोजना बन जाती है।

बीस साल की एक परियोजना है ये

जब आप बीस साल की कोई परियोजना शुरू करते हैं, तो आपकी प्रतिबद्धता भी बीस साल की होनी चाहिए। हो सकता है वक्त के साथ हमारी भावनाएं, हमारी सोच, हमारी संकल्पनाएं बदल जायें। बहुत से मतभेद, मन-मुटाव और संघर्ष खुल कर सामने आ जायें। जब दो इंसान एक घनिष्‍ठ रिश्‍ते में जीते हैं और एक खास साझेदारी निभाते हैं तो काफी-कुछ होता रहता है, लेकिन चूंकि हमारी परियोजना बीस साल की है इसलिए जरूरी है कि हम कम-से-कम बीस साल तक समर्पित रहें और इस जिम्मेदारी से मुंह न मोड़ें।

एक बच्चे को इस दुनिया में लाने से पहले मां-बाप को इतना परिपक्व और समर्पित तो होना ही चाहिए, वरना यह आपके लिए जरूरी नहीं है। आप अभी भी बच्चे हैं, आज आप झगड़ा कर के जा सकते हैं। थोड़ी सी कहा-सुनी होने पर आप घर छोड़ सकते हैं. अगर आप दिमागी तौर पर अभी भी उस हाल में हैं तो आप अभी भी बच्चे हैं, आपको एक और बच्चे की जरूरत नहीं। एक बच्चे को एक और बच्चा दुनिया में लाने को कहना ठीक नहीं है; इसलिए छोड़ दीजिए, आपको यह नहीं करना है। एक और बच्चा न ला कर आप इस दुनिया की बड़ी सेवा करेंगे क्योंकि आज हमारी एक ही सबसे बड़ी समस्या है और वह है दिन-दूनी रात-चौगुनी बढ़ती आबादी।