अकसर हम यह सोचते हैं कि जिसने जीवन में अधिक कठिनाइयों का सामना किया है, वह जल्दी समझदार बन जाता है। कितनी सही है यह सोच - आइए जाने सद्‌गुरु की सहायता  से ...

प्रश्न: क्या जीवन की कठिन परिस्थिति से मनुष्य समझदार बनता है?

Subscribe

Get weekly updates on the latest blogs via newsletters right in your mailbox.

सद्‌गुरु: जीवन में कठिन कुछ नहीं होता है। जीवन में  सिर्फ परिस्थितियां होती हैं। जीवन सिर्फ परिस्थिति है, फिर चाहे आप उसका अनुभव एक कठिनाई के रूप में करें या आनंद के रूप में, यह चुनने का अधिकार आपका अपना है। अगर आप समझदार हैं तो आप हर परिस्थिति को एक आनंदमय प्रक्रिया में बदल देंगे। अगर आप समझदार नहीं हैं, तो आप अपने लिए हर परिस्थिति को कठिनाई बना लेंगे।

अगर आप जानते हैं कि अपने दिमाग में चल रही बेतुकी बातों को कैसे महत्व ना दें, अगर आप अपने दिमाग में चल रहे मनोवैज्ञानिक बकवास में उलझे नहीं, तो आप निश्चित रूप से जल्दी समझदार बन जाएंगे। 
जीवन सिर्फ परिस्थिति  है। 'मुश्किल' परिस्थिति या 'सुखद' परिस्थिति जैसी कोई चीज नहीं होती। अगर आप आसान परिस्थिति चाहते हैं, तो यह बहुत आसान है। हम आपको एक पिंजरे में बंद कर सकते हैं; और जितना आप खा सकते हैं उससे अधिक भोजन आपको दे सकते हैं। आप बस पिंजरे में रहिए। हम इसका ख्याल रखेंगे कि आप सभी चीजों से पूरी तरह सुरक्षित हों – कोई खतरा नहीं, कोई मुश्किल नहीं। आपको परिवार, बीवी-बच्चों का ख्याल नहीं रखना है, रोजी-रोटी नहीं कमानी, कुछ नहीं करना है। कोई भी परेशानी नहीं। सारी बातों का ख्याल रखा जाएगा। आप बस उस पिंजरे में रहिए। क्या आप ऐसा चाहते हैं? नहीं। आप मुश्किलें चाहते हैं। आप चाहते हैं कि आपके सामने चुनौती हो; आप लगातार अपनी दुनिया का विस्तार करना चाहते हैं। है न?

अगर आप चुप रहकर, अपनी आंखें बंद कर के लंबे समय तक बैठना जानते हैं, तो आप जल्दी ही समझदार हो जाएंगे। अगर आप जानते हैं कि अपने दिमाग में चल रही बेतुकी बातों को कैसे महत्व ना दें, अगर आप अपने दिमाग में चल रहे मनोवैज्ञानिक बकवास में उलझे नहीं, तो आप निश्चित रूप से जल्दी समझदार बन जाएंगे। केवल जीवन की ओर देखना और अपने तरीके से उसका मतलब निकाले बिना, उसे जानना, निश्चित रूप से आपको जल्दी समझदार बनाने में सहायता करेगा। आप तभी किसी को बहुत समझदार कह सकते है, जब कोई अपना जीवन सहजता और बिना किसी उलझन के जीता है। बस आपको इतना करना है कि- आप जीवन का मतलब निकालना छोड़ दें, और जीवन का अनुभव करना शुरू करें।

Sebastien Wiertz from Flickr