राजस्थान की माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे अपने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ ईशा योग के 2 दिवसीय योग और ध्यान कार्यक्रम - इनर इंजीनियरिंग - टेक्नोलॉजीज़ फॉर वेल बीइंग - में भाग लिया। इस कार्यक्रम में भाग लिया राजस्थान के विधायक, सांसद, और जयपुर में पदस्थापित नौकरशाह - जिनमें 600 आईएस, आईपीएस, आईएफएस और वरिष्ठ आरएएस पदाधिकारी शामिल हैं।  

जयपुर, 20 मई को  मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी हमारे जनप्रतिनिधि और अधिकारी अधिक कार्यक्षमता केे साथ कार्य कर सकें, इसी उद्देश्य को लेकर ईशा फाउण्डेशन के सहयोग से ’इनर इन्जीनियरिंग - टेक्नोलाॅजीज फाॅर वेलबीइंग’ शिविर का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लक्ष्य को हासिल करने में यह शिविर काफी उपयोगी साबित होगा।
श्रीमती राजे शुक्रवार को सीतापुरा में जयपुर एग्जीबिशन एण्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दो दिवसीय ’इनर इन्जीनियरिंग - टेक्नोलाॅजीज फाॅर वेलबीइंग’ शिविर के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि यह शिविर जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों की सकारात्मक सोच को और अधिक विकसित करेगा

 

जिससे उन्हें जीवन में नई ऊर्जा मिलेगी। वे प्रदेश के चहुंमुखी विकास में अपना बेहतर योगदान दे सकेंगे।  मुख्यमंत्री ने कहा कि सद्गुरू श्री जग्गी वासुदेव जी द्वारा आयोजित इन शिविरों एवं लोक कल्याण के कार्यक्रमों से पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राजनीति से दूर एक तनावमुक्त और खुशहाल वातावरण देने का अभियान है। जिससे पूरी दुनिया में लाखों लोग जुड़े हुए हैं। मुख्यमंत्री ने इस सराहनीय प्रयास के लिए सद्‌गुरुका धन्यवाद ज्ञापित किया।

हमें उद्देश्पूर्ण होना चाहिए - सद्‌गुरु

सद्‌गुरु ने शिविर के प्रारम्भिक सत्र में प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें उद्देश्यपूर्ण होना चाहिए। इसके लिए हमें स्वयं के साथ अच्छा होना होगा और अन्दर से खुश रहना होगा उन्होंने कहा कि जब हम अच्छा महसूस करते हैं तो हम आसपास रह रहे लोगों के साथ भी अच्छा व्यवहार करते हैं। अपने अन्दर खुश रहना ही इनर इन्जीनियरिंग है। सद्‌गुरु ने कहा कि जब हम खुश होते हैं तो अपनी चरम क्षमता के साथ कार्य करते हैं। उन्होंने अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप शासन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जो लाखों - करोड़ों लोगों के जीवन को छू सकते हैं। आपके हाथों में ज्यादा क्षमताएं है, इसलिए आप सबका खुश रहना और तनाव मुक्त होना भी आवश्यक है।

शाम्भवी महामुद्रा से सीखा जीवन शैली को संतुलन करना 

शिविर के दौरान प्रतिभागियों को "शाम्भवी महामुद्रा" के माध्यम से जीवन शैली को संतुलित और ऊर्जामयी बनाने की कला सिखाई गई। साथ ही योग के जरिए शरीर, मन, भावनाओं व ऊर्जा के उचित प्रबन्धन द्वारा एक शक्तिशाली व सहज जीवन जीने के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा शिविर में प्रतिभागियों को ऐसी क्रियाएं भी सिखाई गईं, जिनसे वे अपने अंदर संतुलन व सुख का अनुभव कर सकें और उनमें वैज्ञानिक, तर्कपूर्ण तथा हास्यपूर्ण स्वभाव का विकास हो।  स्वास्थ्य से जुड़े इस महत्वपूर्ण शिविर में राज्य मं त्रिमण्डल के सदस्य, सांसद, विधायक, मुख्य सचिव, जयपुर में पदस्थापित आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, आरएएस एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

 

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मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे नें ट्विटर पर कहा:

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और कुछ चुनिन्दा ट्वीट:

https://twitter.com/ishafoundation/status/733575272797081600

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https://twitter.com/ishafoundation/status/733563574950354944

 

जनवरी 2015 में, सद्‌गुरु ने आन्ध्र प्रदेश सरकार के लिए, इससे मिलता जुलता कार्यक्रम संचालित किया था। इस कार्यक्रम में आन्ध्र प्रदेश के मुख्य मंत्री, माननीय श्री चंद्र बाबू नायडू, और उनके विधायक और नौकरशाह शामिल थे। उस कार्यक्रम के समापन पर मुख्य मंत्री ने कहा था - "इनर इंजीनियरिंग हमें अपने दुखों को त्याग कर आनंदित जीवन जीने की शिक्षा देती है। इस कार्यक्रम से सबसे महत्वपूर्ण सीख हमें ये मिली, कि हमें बस आजीविका कमाने के बजाये, अपना जीवन खुद रचने की जरूरत है। आत्म-रूपांतरण सबसे कठिन काम है, पर सबसे ज्यादा आनंद प्रदान करता है।"