सद्‌गुरुनदी अभियान रैली आज छठे दिन मैसूर पहुंची। यह शहर सद्‌गुरु का जन्म स्थान है।  और उनका प्रिय गृह शहर भी है। पढ़ते हैं छठे दिन की गतिविधियों के बारे में और देखते हैं कुछ तस्वीरें

एक रोमांचक स्थल 

और रैली कर्नाटक में दाखिल हुई। गोबीचेट्टीपलायम में थोड़ी देर के पड़ाव के बाद हम मैसूरु के लिए रवाना हुए । तब तक बारिश भी शुरू हो गई थी।

 

बनेरघट्टा जाते हुए धीमबम घाट के रास्ते में करीब 27 तीव्र मोड़ थे जिनके कारण वाहन बहुत धीरे चल रहे थे।  और फिर धुंध हो गयी। धुंध के लगातार आने और जाने का नाटकीय सिलसिला जारी रहा जिस वजह से ड्राइवर मुश्किल से ही कुछ देख पा रहे थे।

ऐसे माहौल में हमें वहां हाथी दिखाई दिए ।  पहली बार में तीन हाथियों का एक झुंड दिखा जो सड़क के बायीं ओर चल रहा था वहां से आधे किलोमीटर की ही दूरी पर एक अकेला हाथी जाते हुए दिखा । उसकी पूंछ हवा में  लहरा रही थी।  अद्भुत दृश्य था।DJK4GhcUIAAvdkK

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मैसूरु का जादू 

नदी अभियान की रैली ख़ूबसूरत मैसूरु शहर पहुंच गयी थी। यह सद्‌गुरु का जन्म स्थान है।  और उनका प्रिय गृह शहर भी है।

कुकराहल्ली केरे या तालाब भी कहते है यह मैसूरु शहर का केंद्र बिन्दु है। यह स्थान काफी हरा भरा है शायद इसी वजह से स्थानीय लोग इस जगह से अपने दिन की शुरुआत करते है। हमारे लिए भी दिन शुरू करने का यह अद्भुत स्थल था। कन्नड़ कवि कुवेम्पु का भी यह पसंदीदा स्थल रहा है।

अब रैली मीनाक्षीपुरा की ओर बढ़ गई यह स्थान संगम के बहुत करीब है इस जगह तीन नदियों लक्ष्मण तीरथा, हेमावथी और कावेरी का मिलन होता है यहां तमिलनाडु और कर्नाटक से पचास पचास किसान चर्चा के लिए एकत्रित होंगे ।

DJLPaC2UMAACV2L DJLPQECUIAAq2pq DJLPUV9UMAAjIJK DJLPYkbUwAAY2sS नदी अभियान - देखें लाइव - छठे दिन की झलकें