सद्‌गुरु के साथ रात भर चलने जाने वाले महाशिवरात्रि महोत्‍सव में सद्‌गुरु के प्रवचन और शक्तिशाली ध्यान प्रक्रियाओं के साथ-साथ पंडित जसराज जैसे कलाकारों के भव्‍य संगीत कार्यक्रम भी होंगे। आस्‍था चैनल पर सीधे प्रसारण का आनंद लें शाम 6 बजे से सुबह सुबह 6 बजे तक।

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इस दिन मानव शरीर में ऊर्जा प्राकृतिक रूप से उमड़ती है जो व्यक्ति को कुछ खास किस्म की शक्तिशाली साधना करने में समर्थ बनाती है। इस तरह की साधना आमतौर पर उन लोगों के लिए सही नहीं होती जिन्होंने जरूरी तैयारी नहीं की हो।

जैसा कि अधिकतर लोगों को पता है, हमने हमेशा लोगों को यही सिखाया है कि सामान्य परिस्थितियों में महामंत्र “ऊं नम: शिवाय” का जाप न करें। लेकिन महाशिवरात्रि की रात आप इस साधना को कर सकते हैं और भरपूर लाभ उठा सकते हैं।

जो लोग महाशिवरात्रि को ईशा योग केंद्र में मौजूद रहने में असमर्थ हैं, उनके लिए इस रात का लाभ उठाने के कुछ तरीके ये हो सकते हैं:

  • रात भर बिना लेटे जाग्रत, जागरूक और सीधे रहना सबसे लाभदायक है।
  • आप अपने कमरे में एक दीया या लिंग ज्योति जला सकते हैं और ध्यानलिंग यंत्र या सद्‌गुरु का चित्र, फूल, अगरबत्ती, आदि रखकर तैयारी कर सकते हैं।
  • आप भक्ति गीतों और मंत्रों का जाप कर सकते हैं, उन्हें गा या सुन सकते हैं।
  • यदि आप अकेले हैं, तो टहल सकते हैं या प्रकृति के साथ समय बिता सकते हैं। यदि समूह में हों, तो जहां तक संभव हो, मौन रहना सबसे अच्छा है।
  • मध्यरात्रि साधना इस प्रकार की जा सकती है: रात 11.10-11.30 बजे – सुख प्राणायाम, 11.30-11.50 – ऊं का जाप, 11.50-12.10 – महामंत्र “ऊं नम: शिवाय” का जाप।
  • यदि आप लाइव टेलीकास्ट और वेबकास्ट के माध्यम से उत्सव को देख रहे हों, तो आप वहां दिए जा रहे ध्यान के निर्देशों का पालन कर सकते हैं।

संपादक की टिप्पणी: शिव को पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए ईशा एक ऑनलाइन ’थंडरक्‍लैप’ अभियान शुरू कर रहा है। यदि आप लोगों का ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं और महाशिवरात्रि के बारे में जागरूकता फैलाना चाहते हैं, तो हमारे साथ शामिल हों इसके लिए आपको सिर्फ एक ट्वीट करना होगा। (फेसबुक संदेश भी निमंत्रण का काम करते हैं!)